कोरबा। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण व विशेष योजनाओं से जुड़ी कोरबा जिले के पीएम श्री विद्यालय में वाद्य यंत्रों की घटिया सप्लाई कर लाखो रुपए की गबन करने वाले राजीव गांधी शिक्षा मिशन कोरबा के जिला समन्वय मनोज पांडे एवं एपीसी काजी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए। क्योंकि इन दोनों अधिकारियों की जब से जिले में पद स्थापना हुई है, वह सदा इन आरोपों के घेरे में रहे।
इस संबंध में समाजसेवी मनीराम जांगड़े ने बताया कि इस योजना को पलीता लगाने वाले अधिकारियों की करतूत को अपने समाचार पत्र में प्रकाशित कर कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत वसंत को ध्यान आकृष्ट कराया गया, जिस पर कलेक्टर द्वारा तत्काल जांच टीम बनाकर पीएम विद्यालय में वाद्य यंत्रों की खरीदी में हुई घोटाले का पर्दाफाश कर केंद्र सरकार द्वारा जारी राशि को उक्त अधिकारियों के द्वारा शासकीय कोर्स में जमा कराया गया। इसके लिए मैं कलेक्टर महोदय को सधन्यवाद ज्ञापित करता हूं। इन दोनों अधिकारियों की शासकीय राशि को गबन करने का यही एक मामला नहीं है।
इसके पूर्व भी कलेक्टर कार्यालय से बार-बार पत्र पर जारी किया जा रहा है कि उनकी नियुक्ति की सूक्ष्म जांच कर जांच प्रतिवेदन तत्काल कलेक्टर कार्यालय को प्रस्तुत करें, लेकिन इन अधिकारियों के द्वारा कलेक्टर महोदय के आदेश को दरकिनार करते हुए उक्त पत्र को कचरा के टोकरी में फेंक दिया जाता है जो समस्या परे है। उक्त विभाग के कलेक्टर दर पर नियुक्त डाटा एंट्री ऑपरेटर क्रमशः नितेश सोनी, मुरारी पटेल व सुमोन कुजूर जिन्हें शासन नियम अनुसार ₹10000 एकमुश्त प्रतिमाह वेतन के रूप में दिया जाना था, जिसे 18400 प्रतिमाह वेतन के रूप में भुगतान किया जा रहा है।
इस संबंध में इन कर्मचारियों को अब तक लगभग 30 लाख रुपए अधिक वेतन के रूप में भुगतान किया गया है, जबकि इन तीनों कर्मचारियों के साथ ही उक्त विभाग में और कई कर्मचारी नियुक्त किए गए थे, जिन्हें आज भी कलेक्टर दर पर अर्थात ₹10000 ही प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जा रहा है जो समझ परे हैं। इस संबंध में जांगड़े ने यह भी कहा है कि राज्य शासन के शासकीय कोष से इन तीनों कर्मचारियों द्वारा इतनी बड़ी राशि का आहरण कर गबन किया गया है। उक्त राशि इन दोनों कर्मचारियों से वसूली किया जाए। साथ इनके प्रति से कड़ी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज भी किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की साथी राशि का नियम विरुद्ध आहरण कर गबन करने की किसी अन्य अधिकारियों की हिम्मत ना हो। इतनी बड़ी राशि को गमन करने में कहीं ना कहीं जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा की कार्य प्रणाली संदेह के दायरे में है। क्योंकि कलेक्टर महोदय द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को उक्त शिकायत पर तत्काल जांच कर जांच प्रतिवेदन चाही गई है, लेकिन कलेक्टर महोदय के निर्देश पर जारी पत्र को कचरा के टोकरी में फेंक दिया गया है। इस संबंध में मनीराम जांगड़े ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्य सचिव एवं स्कूल शिक्षा विभाग के विभाग मंत्री को पत्र लिखकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।