राजनांदगांव। करोड़ों की ठगी करने वाला अंतर्राज्यीय गिरोह का मास्टर माइंड को राजनंदगांव पुलिस के गिरफ्तार किया है। रेलवे विभाग का फर्जी ज्वाईनिंग लेटर भेजकर युवाओं से लाखो रूपये लेकर ठगी करते थे। आरोपी के पास से लाखों का चेक व फर्जी कागजात जप्त किया गया है।
दरअसल, योगेश हिरवानी पिता कचरूराम हिरवानी उम्र 24 साल निवासी अछोली थाना डोंगरगढ़ का 2 सितंबर 2023 को थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराया की आरोपीगण द्वारा रेलवे विभाग में टिकिट एक्जामिनर के पद पर नौकरी लगाने के नाम से विभिन्न किस्तो में 18 लाख 50 हजार रू लेकर योगेश से ठगी किया है, रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 538/2023 धारा 420,467,468,471,34 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया।
प्रकरण में पूर्व में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो जेल में निरूद्ध है। प्रकरण में विवेचना के दौरान फरार आरोपी की पता तलाश हेतु पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के निर्देशन में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी डोंगरगढ़ आशीष कुंजाम के मार्गदर्शन पर निरीक्षक भरत बरेठ के नेतृत्व में सायबर टीम के सहयोग से फरार आरोपी की सूचना पर आरोपी सुखेन्द्र चन्द्राकर गंगानगर जिला बिलासपुर में लूक छीप रहा था, जो गंगानगर जिला बिलासपुर पहंुचकर घेराबंदी कर पकडा गया जिससे पूछताछ पर आरोपी द्वारा युवाओं को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कलकत्ता के अन्य आरोपियों के साथ मिलकर रेलवे विभाग मे नौकरी लगाने के नाम पर झूठा आश्वासन देकर एवं फर्जी दस्तावेज तैयार कर विभिन्न राज्यों के युवाओं को वर्धमान (कलकत्ता) ले जाकर फर्जी ट्रेनिंग करवाकर लाखों रूपये लेकर ठगी किया है। योगेश हिरवानी से भी 18,50,000/रू (अठ्ठारह लाख पचास हजार रू) की ठगी करना स्वीकार किया है। आरोपी के पेश करने पर 02 नग मोबाईल व घटना में प्रयुक्त कागजात को पेश करने पर जप्त किया गया है।
मामले में कलकत्ता के 3 आरोपी पूर्व में वर्धमान पुलिस द्वारा गिरफ्तार की जा चुकी है। एक अन्य आरोपी संतोष जायसवाल की पता तलाश जारी है। शीघ्र गिरफ्तार की जावेगी। आरोपी ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्य से युवाओं को प्रलोभन देकर डीआरएम आफिस के पास वर्धमान (कलकत्ता) लेकर जाते थे और वहां अन्य आरोपियों को रेलवे के अधिकारी बताकर उनके द्वारा नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रूपये ठगी कर तीन माह का ट्रेनिंग करवाते थे। बाद में ज्वाईनिंग लेटर भेजने की बात कर वापस भेजकर युवाओं से ठगी करते थे।