रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा, जब एक दिन पहले आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने बीजेपी से इस्तीफा दिया और दूसरे ही दिन कांग्रेस की सदस्यता ली. इससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल मच गया.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नंदकुमार साय का राजीव भवन में स्वागत किया. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नंदकुमार साय जाना-पहचाना चेहरा है. तीन बार के विधायक और पांच के बार सांसद रहे. भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा नंदकुमार साय का जीवन सादगीपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा कि साय ने पूरा जीवन आदिवासियों के लिए समर्पित किया. आदिवासी हितों के लिए लड़ते हैं, मीडिया में कांग्रेस की प्रशंसा करते रहे. बहुत ही निश्चल मन के व्यक्ति हैं साय. कांग्रेस की नीति और सिद्धांत पर उन्होंने भरोसा जताया है.
इस दौरान नंदकुमार साय ने कहा कि मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय रहा है. मैं शुरुआती दौर से भाजपा का सदस्य रहा हूँ, जनसंघ से जुड़ा रहा हूँ. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया हुआ. स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम किया हुआ. मैं संस्कृत और साहित्य का विद्यार्थी रहा हूँ. मैं अटल और राजमाता विजयाराजे सिंधिया, लाल कृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज को फॉलो करता रहा हूँ, लेकिन आज भाजपा वैसी पार्टी नहीं, जैसी थी.साय ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार जरूर है, लेकिन पार्टी अब पहले की तरह नहीं है. भूपेश सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है. धरातल पर भूपेश सरकार काम कर रही है. सरकार ने कृषि आधारित सेक्टर पर काम किया है. सरकार ने जैसा नारा दिया उस पर काम किया. नरवा-गरवा, घुरवा-बारी योजना कारगर नजर आती है.
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, मंत्री मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया, प्रेम साय सिंह टेकाम समेत तमाम कांग्रेस के दिग्गज नेता मौजूद थे.