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छत्तीसगढ़

भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या के मामले में नक्सलियों ने ली जिम्मेदारी

नारायणपुर। पिछले दिनों भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या के मामले में शुक्रवार रात नक्सलियों ने पर्चा जारी कर हत्या की जिम्मेदारी ली है। नक्सलियों ने पर्चे में रतन दुबे द्वारा जनविरोधी नीतियों को अमल करने के कारण मौत की सजा देने का उल्लेख किया है।

दरअसल, बीते 4 नवंबर को भाजपा नेता रतन दुबे झारा थाना इलाके के ग्राम कौशलनार में चुनाव प्रचार करने गये हुए थे। रतन दुबे कौशलनार के बाजार में एक माइक और स्पीकर के सहारे भाजपा की योजनाओं और घोषणाओं को गोंडी में ग्रमीणों को बता रहे थे और भाजपा के पक्ष में वोट मांग रहे थे। कुछ देर बाद ही पीछे से माओवादियों ने उन हमला कर दिया। नक्सलियों ने धारदार हथियार से भाजपा नेता पर बेरहमी से लगातार वार किया। सूचना मिलने पर तत्काल उन्हें जिला अस्पताल नारायणपुर लाया गया जहां डॉक्टरों ने रतन दुबे को मृत घोषित कर दिया।

5 नवंबर को रतन दुबे के पार्थिव शरीर का बखरुपारा स्थिति मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। जहां भाजपा प्रत्याशी केदार कश्यप कांग्रेस प्रत्याशी चन्दन कश्यप समेत बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद रहे। जिस इलाके में रतन दुबे की हत्या की गई थी। उन इलाकों में नक्सली दहशत के चलते चुनाव प्रचार पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया साथ ही उन इलाकों में सन्नाटा पसर गया। आस पास क्षेत्र में दहशत का माहौल बना रहा।

रतन दुबे भाजपा जिला उपाध्यक्ष व नारायणपुर परिवहन संघ के अध्यक्ष थे, दुबे जाने माने ठेकेदार भी थे, शहरी क्षेत्रों के साथ ही अंदरूनी इलाकों में बहुत से निर्माण कार्य उनके द्वारा करवाया गया। इसके अलावा रतन दुबे का अंदरूनी इलाके में जनाधार काफी मजबूत था, वे लोकप्रिय नेताओं में गिने जाते थे।

घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में आरोप प्रत्यारोप का दौर तेजी से शुरू हो गया, भाजपा नेताओं ने टारगेट किलिंग कहते हुए जांच करवाने की बात कही तो वहीं कांग्रेस के नेताओं ने घटना पर खेद व्यक्त करते हुए भाजपा के आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताते हुए कहा 2013 झीरम हमले में हमने भी अपनों को खोये हैं। वहीं अब नक्सलियों द्वारा पर्चा जारी कर हत्या की जिम्मेदारी ली गई है।