बस्तर। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के पास 800 वर्ग किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में आठवें दिन भी नक्सल विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन कगार’ जारी है। इसमें कर्रेगुट्टा की पहाड़ियां भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ और केंद्रीय बलों के 24,000 से अधिक जवान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिशन में भाग ले रहे हैं।
‘ऑपरेशन कगार’ का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र को कई नक्सल समूहों के नियंत्रण से मुक्त करना है, जिसमें दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी), तेलंगाना राज्य समिति (टीएससी), पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर-1, सीआरसी कंपनी और अन्य माओवादी समूह शामिल हैं। ये समूह इस क्षेत्र का उपयोग हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक सुरक्षित ठिकाने के रूप में कर रहे हैं, जिसेस निर्दोष स्थानीय लोगों की जान को खतरा है।
जारी रहेगा अभियान- कुछ हफ्ते पहले नक्सली घटना में कई नागरिक घायल हो गए थे और उसर इलाके में एक महिला की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने कहा कि यह सुरक्षाबलों की जिम्मेदारी है कि वे इलाके को खाली करवाएं और सुनिश्चित करें कि यह स्थानीय आबादी के लिए सुरक्षित है। अधिकारियों ने कहा है कि जब तक सभी अवैध माओवादी समूहों को क्षेत्र से हटा नहीं दिया जाता, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा।
उन्होंने नक्सल सदस्यों से हिंसा छोड़ने और आत्मसमर्पण करने का भी आग्रह किया, उन्हें सामान्य जीवन में लौटने और समाज का हिस्सा बनने का मौका देना का वादा किया। वहीं, अब तक तीन नक्सली मारे गए हैं और उनेक शव बरामद किए गए हैं। ऑपरेशन के दौरान दो सुरक्षाकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं।