बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट में कोरबा जिले के नगर पंचायत छुरीकला की अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव के आदेश को चुनौती दी गई है। इस केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच ने नगरीय प्रशासन सचिव व कोरबा कलेक्टर सहित नौ पार्षदों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिका में साल भर के भीतर कलेक्टर द्वारा जारी अविश्वास प्रस्ताव को अवैधानिक बताया गया है। दरअसल, नगर पंचायत छुरीकला की अध्यक्ष नीलम देवांगन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने बताया कि पार्षदों ने 9 जनवरी को कोरबा कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आवेदन किया है, जिस पर कोरबा कलेक्टर ने नियम विरूद्ध तरीके से सुनवाई शुरू कर दी है।
याचिका में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 (एक) (1) में यह उल्लेख किया गया है कि एक अविश्वास प्रस्ताव निष्पादन होने के दिनांक से दूसरा अविश्वास प्रस्ताव एक साल के बाद ही लाया जा सकता है। इसके बावजूद कलेक्टर जानबूझकर नगर पालिका के नियमों का उल्लंघन करते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई कर रहे हैं, जिसे निरस्त किया जाए।
याचिका में बताया गया है कि एक बार पहले भी पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जिसे 22 दिसंबर 2022 को निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद अब साल भर के भीतर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, जो अवैधानिक है।
याचिका में यह भी बताया गया है कि नगर पंचायत के एक पार्षद हीरालाल यादव भी थे। हीरालाल यादव ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया था, जिस पर कलेक्टर ने उसे पार्षद पद से बर्खास्त कर दिया था। इसी दौरान 22 दिसंबर 2022 को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसे कलेक्टर ने निरस्त कर दिया था।
इस पर कलेक्टर के आदेश को पार्षद हीरालाल यादव ने नगरीय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव के सामने अपील पेश किया था। विशेष सचिव ने हीरालाल यादव के पक्ष में आदेश पारित किया है, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई अभी लंबित है।