बिलासपुर। जीआरपी थाना बिलासपुर द्वारा गांजा तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। मुखबिर की सूचना पर रेलवे स्टेशन बिलासपुर के नागपुर छोर शौचालय के पास से दो व्यक्तियों, योगेश सौंधिया और रोहित द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से कुल 20 किलो मादक पदार्थ गांजा बरामद हुआ। दोनों आरोपियों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध क्रमांक 117/2024 दर्ज किया गया।
जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जीआरपी थाना बिलासपुर के चार पुलिसकर्मी आरक्षक सौरभ नागवंशी, मन्नू प्रजापति, संतोष राठौर, और लक्ष्मण गाईन इस तस्करी में लिप्त थे। जांच में सामने आया कि इन पुलिस कर्मियों ने जप्त शुदा गांजा को आरोपियों के माध्यम से बेचकर पैसे का लेन-देन किया।
कानून का उल्लंघन करने और अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप में चारों आरक्षकों को 29 अक्टूबर 2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। उप पुलिस अधीक्षक (रेल) रायपुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर इन चारों पुलिस कर्मियों को 19 नवंबर 2024 को जनहित में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
जांच में करोड़ों की संपत्ति मिली
जांच के दौरान इन आरक्षकों के खातों के लेनदेन और संपत्ति का पता लगाया गया तो पुलिस को काफी जानकारियां मिलीं। जिसके बाद जवानों की संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है। जीआरपी में पदस्थ चारों जवान लक्ष्मण गइन, संतोष राठौर, सौरभ नागवंशी और मन्नू प्रजापति रेल एसपी के एंटी क्राइम यूनिट में थे। उन सभी की जिम्मेदारी ट्रेनों में होने वाली तस्करी, अपराध आदि का पता लगाते हुए उस पर लगाम कसना था, लेकिन, उन्होंने पहले गांजा तस्करों को पकड़ने के बाद उनसे जब्त माल दूसरों को सप्लाई किया, फिर इस धंधे में ही उतर गए।
पुलिस द्वारा की गई जांच में अभी तक जवानों के पास से करोड़ों की संपत्ति मिली है। वहीं बैंक खातों से भी करोड़ों के लेनदेन का खुलासा हुआ है। पता चला है कि बीते कुछ सालों में जवानों के खातों से तीन करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन किया गया है। ये राशि उनकी सालाना आय से कई गुना ज्यादा है। यही नहीं तस्करों के खिलाफ बनाए गए प्रकरणों में गांजा की मात्रा कम बताई गई।