बालोद। पुरुर थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा का नाम स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले वीरता के राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयनित हुआ है। े इसे लेकर पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त है । शिशुपाल सिन्हा ने इसके लिए अपने साथ काम करने वाले सभी अधिकारी -कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया है।
बस्तर में 12 साल सेवा- शिशुपाल सिन्हा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि यह उस 12 साल के सेवा का परिणाम है जो मैंने बस्तर में दिया है वहां पर करने को काफी कुछ होता है । नक्सल मूवमेंट होते ही रहता है और हम जान जोखिम में लेकर नौकरी करते हैं ताकि हमारे क्षेत्रवासी सुरक्षित रह सके। बस्तर में ऐसा होते रहता है, पर वहां काफी कुछ सीखने को मिलता है । जब हम बस्तर में नौकरी कर लेते हैं तो हमें सभी तरह का भय समाप्त हो जाता है । पुलिस की नौकरी में हमें हमेशा निडर रहने और आम जनता के साथ अपनेपन के भाव के साथ सेवा करने का गुर सिखाया जाता है।
आठ लोगों की टुकड़ी लेकर नक्सलियों से भिड़े थे शिशुपाल- दरअसल 30 जून 2021 सूचना मिली थी की झीरम घाटी के पास नक्सलियों की टोली आई हुई है । इसके एक सप्ताह पहले ही वहां पर घटना हुई थी। जिसमे 3 माओवादियों को मारा गया था, इसके बाद नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी । जिस पर शिशुपाल के पास आठ लोगों की छोटी टुकड़ी थी, जिसे लेकर निकले हुए थे । बाद में फोर्स भेजा जा रहा था, जिस साहस से आठ लोगों की टीम ने माओवादियों का सामना किया और वहां पर सफलता हासिल की वह काबिले तारीफ थी । उस समय आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया था और आज 3 साल बाद शिशुपाल सिन्हा को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।