कांकेर। राइस मिल में काम करने वाले एक युवक को पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार किया था। मामले में पुलिस ने आरोपी को 10 मई को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया था। तब से सवाल उठने लगे थे कि आखिर राइस मिल में नाबालिग युवती से काम कैसे लिया जा रहा था।
प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग और श्रम विभाग का संयुक्त जांच टीम गठित किया था। कल महिला एवं बाल विकास और श्रम विभाग की टीम जांच के लिए राइस मिल पहुंची। जहां जांच टीम के अधिकारियों ने बताया कि मजदूरों को रहने के लिए कोई सुविधा नहीं है। प्रसाधन के कोई साधन मौजूद नहीं है। एक ही कमरे में महिला- पुरुष मजदूरों को रहना पड़ता है।
गौरतलब हो कि कांकेर स्थित एक राइस मिल में काम करने पहुंची नाबालिग से आधी रात को मिल के एक कमरे में दुष्कर्म की घटना हुई थी। नाबालिक आदिवासी लड़की को बहला-फुसला कर काम मे रखा गया था। इस मामले के बाद जिले के अधिकांश राइस मिल के अलावा ईट भट्टे, होटल, टेंट हाऊस, गैरेज व अन्य संस्थानों में सवालिया निशान खड़े हो रहे है। बड़े पैमाने पर इसी तरह नाबालिग काम कर रहे हैं। संस्थानों में बाल मजदूर नहीं होने का जरूर बोर्ड चस्पा किया गया है, लेकिन बाल मजदूरी कराई जा रही है। जिम्मेदार विभाग के ढुलमुल रवैए से घटनाएं घटित हो रही है।