रायपुर। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र के पीआरए ग्रुप के ऑफिस के बाहर शूटरों द्वारा की गई फायरिंग के मामले में नई जानकारी सामने आई है। वारदात को अंजाम देने से पहले शूटरों ने झारखंड से पल्सर बाइक चोरी की थी. चोरी की यह वारदात 10 जुलाई को हुई थी। इसके बाद वह उसी बाइक से रायपुर पहुंचे. यहीं वे दो दिन रुके।
13 जुलाई की सुबह 10.54 बजे फायरिंग की और कुछ दूर में गाड़ी छोड़कर फरार हो गए। इससे पहले शूटर लोकल कनेक्शन के माध्यम से चोरी की बाइक लेते थे, या फिर पड़ोसी जिले से वारदात करते थे। इस बार प्लान को बदला और सीधे वहीं से चोरी की बाइक लेकर आए।
दहशत फैलाने पहले भी कर चुके हैं फायरिंग
उल्लेखनीय है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू के शूटरों द्वारा दहशत और वसूली के लिए फायरिंग करने की यह पहली घटना नहीं है। यह गैंग प्रदेश में पिछले करीब चार साल से अपनी पैठ जमा चुका है। पीआरए ग्रुप बार्बरिक प्राईवेट लिमिटेड के ऑफिस में फायरिंग करने से पहले आरकेटीसी के शंकर नगर ऑफिस में गैंग के शूटरों ने पिछले साल फायरिंग की थी।
उस समय इस गैंग की चर्चा नहीं हुई थी। पुलिस ने गैंग का राजफाश नहीं किया था। गैंगस्टर्स पिछले चार-पांच साल से प्रदेश के कोयला, कंस्ट्रक्शन, सरकारी ठेकेदारों को टारगेट कर रहे हैं। उन्हें डरा-धमकाकर वसूली कर रहे हैं। प्रोटेक्शन मनी नहीं देने पर फायरिंग कराते हैं।
72 घंटे बीतने के बाद भी नहीं मिला सुराग
72 घंटे बीतने के बाद फायरिंग करने वाले शूटरों का सुराग नहीं मिला है। क्राइम ब्रांच की आठ टीमें अलग-अलग राज्यों में शूटरों की तलाश में लगी हैं। इसके अलावा तकनीकी जांच के लिए अलग से टीम लगी है। बताया जाता है कि फायरिंग के बाद शूटर शहर छोड़कर निकल गए हैं। उनकी पहचान भी अब तक नहीं हो पाई है।