नारायणपुर/भिलाई। कांग्रेस नेता विक्रम बैस की हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की वजह सामने आई है। बदला लेने के लिए आरोपियों ने भिलाई के एक होटल में पूरी प्लानिंग की गई। इसके बाद हत्या की घटना को अंजाम दिया गया।
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि 13 मई की रात को कांग्रेस नेता विक्रम बैस निवासी बखरूपारा नारायणपुर की धारदार हथियार व गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। रात को वे ढाबा से खाना खाकर लौट रहे थे तब बाइक सवार हमलावरों ने उन पर गोली चलाकर हत्या कर दी। इस मामले में थाना नारायणपुर में मर्ग एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया था।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर अलग-अलग टीम का गठन किया गया । मामले में बारीकी से छानबीन व पूछताछ करने पर सीसीटीवी फुटेज व सायबर एनालिसिस के आधार पर मनीष राठौर निवासी नारायणपुर का नाम सामने आया।
आरोपी मनीष राठौर, जसप्रीत सिंह सिद्धू, विश्वजीत नाग, विप्लव एवं विवेक अधिकारी के द्वारा लगभग डेढ़ महीने पहले हत्या की साजिश रची गई थी। इसके लिए भिलाई के इंडियन कॉफी हॉउस में पिस्टल खरीदने एवं हत्या की प्लानिंग के लिए मनीष राठौर, विश्वजीत नाग, राजीव रंजन यति उर्फ राजू उर्फ बिहारी, संदीप यादव उर्फ संजू और सैमुआल उर्फ रायनुन्तलम के साथ मीटिंग किया गया। हत्या में उपयोग हुआ पिस्टल जिला सिवान बिहार से लाया गया था।
पुलिस के अनुसार घटना को अंजाम देने के पहले दो दिनों तक आरोपियों ने रेकी की थी। घटना के दिन विक्रम बैस को अकेला पाकर आरोपी संजू यादव और विश्वजीत नाग ने मिलकर गंडासा से वार कर और पिस्टल से गोली चलाकर उसकी हत्या कर दी। घटना में प्रयुक्त पिस्टल को मनीष राठौर के गोदाम में छिपा दिया गया था।
प्रकरण में दुर्ग, रायपुर एवं बिलासपुर की एसीसीयू टीम तथा सायबर टीम की सहायता से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में विश्वजीत नाग नारायणपुर, संदीप यादव उर्फ संजू दुर्ग, राजीव रंजन यति उर्फ राजू उर्फ बिहारी दुर्ग, आर. सैमुआल उर्फ रायनुन्तलम दुर्ग, जसप्रीत सिंह उर्फ पोतू नारायणपुर, विवेक अधिकारी उर्फ सिदाम नारायणपुर शामिल हैं। हत्या का मुख्य आरोपी मनीष राठौर अभी फरार है।
0 नक्सली घटना का जामा पहनाने बनाई थी योजना
हत्यारों ने पहले इस हत्याकांड को नक्सली घटना का जामा पहनाने योजना बनाई थी। मुख्य आरोपी मनीष राठौर अपने साथियों से नक्सली पर्चा एवं बैनर लिखवाकर धमकी देने का काम भी करता था। हत्याकांड से पहले आरोपियों ने 3 लाख रुपए खर्च कर बिहार से पिस्टल खरीदी थी। हत्या की घटना से ही यह खुलासा होने लगा था कि यह नक्सल वारदात नहीं है।