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छत्तीसगढ़

ससुराल से सोने का झुमका और एटीएम चुराने वाला दामाद गिरफ्तार, एटीएम से निकाले 1.80 लाख

रायगढ़। चक्रधर नगर पुलिस ने ससुराल से सोने का झुमका और एटीएम कार्ड से रकम चुराने वाले आरोपी दामाद को पंजरी प्लांट क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए 5 माह से जगह बदल रहा था।

मिली जानकारी के अनुसार विगत 27 जुलाई को थाना चक्रधरनगर में पंजरी प्लांट में रहने वाला विलासपति मांझी 54 वर्ष ने रिपोर्ट दर्ज कराया था कि 14 अप्रैल को उसने अपने एसबीआई खाते का पासबुक प्रिंट कराया तो पता चला कि 14 जनवरी से 5 अप्रैल के बीच एटीएम से 1 लाख 80 हजार रूपए निकाले गए हैं। घर में आकर आलमारी में एटीएम चेक किया तो एटीएम और पत्नी का सोने का झुमका नहीं था। कोई अज्ञात व्यक्ति चोरी कर ले गया था। अपने स्तर पर पता करने पर 6 माह पहले घर में आए दामाद शिवचरण प्रसाद पर चोरी का शक हुआ। थाना चक्रधर नगर में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध चोरी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान संदेही शिवशरण प्रसाद के निवास स्थान बैकुंठ तिल्दा जिला रायपुर में चक्रधर पुलिस की टीम द्वारा पतासाजी की गई। दामाद वहां से फरार था। इसी बीच संदेही शिवशरण प्रसाद को पंजरी प्लांट में घूमते देखा गया। मुखबीर की सूचना पर चक्रधरनगर पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर हिरासत में लिया। संदेही शिवशरण प्रसाद से कड़ी पूछताछ करने पर उसने ससुराल से सोने का झुमका और एटीएम की चोरी करना स्वीकार किया।

उसने बताया कि जनवरी माह में अपने ससुराल विलासपति मांझी के घर आलमारी से आलमारी खोलकर सोने का झुमका और एटीएम चुराया। एटीएम का पिन नंबर उसे पता था। उसने अलग-अलग दिनों में एटीएम से रूपए निकाला जिसे खाने पीने में खर्च कर दिया। ससुराल से अप्रैल माह में अपने घर ट्रेन से तिल्दा जाते समय चलती ट्रेन से कोतरारोड फाटक के पास पकड़े जाने के भय से एटीएम कार्ड और सोने का झुमका फेंक दिया। आरोपी के पास से 500 रूपए जप्त किया गया। आरोपी को लेकर कोतरा रोड रेलवे फाटक के पास एटीएम कार्ड और झुमका की खोजबीन की गई, लेकिन झुमका और एटीएम नहीं मिला। पुलिस ने आरोपी शिवशरण प्रसाद पिता दीपचंद्र प्रसाद 34 वर्ष को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। उक्त कार्रवाई में थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव अहेर, प्रधान आरक्षक संजय तिवारी, वीरेंद्र तिर्की और आरक्षक शशि चौहान की अहम भूमिका रही।