दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने सोमवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। जनसुनवाई में कुल 35 प्रकरणों पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनों पक्षकार डॉक्टर है। आवेदिका ने मानसिक प्रताडऩा प्रकरण दर्ज कराया था और इस प्रकरण में दोनों पक्षकारों ने एक दूसरे के खिलाफ बहुत सारे दस्तावेज प्रस्तुत किए। आयोग व्दारा दोनों पक्षो को आगामी सुनवाई रायपुर में एक दूसरे के दस्तावेजों के जवाब सहित उपस्थित होने के लिए कहा, ताकि दोनों पक्षांे का प्रकरण का निराकरण किया जा सके और एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने तहसीलदार खरोरा के समक्ष खाता बंटवारा के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया गया था, जिसे खारिज कर दिया गया था। उसके अपील प्रस्तुत किए बिना महिला आयोग में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। आवेदिका को समझाईश दिया गया कि अपना प्रकरण अपील करें। प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। दोनों पक्ष को सुना गया। दोनों पक्ष अपना अपना दस्तावेजों के साथ आयोग रायपुर में उपस्थित हो, ताकि प्रकरण पर उचित कार्यवाही किया जा सके। एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्ष को विस्तार से सुना गया। इनका विभिन्न न्यायालय में प्रकरण चल चुके है और माननीय न्यायालय से आदेश प्राप्त हो चुका है, इसलिए प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।
एक अन्य प्रकरण में कम उम्र की लड़की को शादी का प्रलोभन देकर अनावेदक व्दारा भगाया गया था। अनावेदक क. 1 के खिलाफ आवेदिका व्दारा एफ.आई.आर. दर्ज किया गया है। अनावेदक के खिलाफ धारा 376 दर्ज किया गया। अनावेदक अभी वर्तमान में जेल में बंद है। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति की मृत्यु 11 फरवरी 2020 को हुई थी। आवेदिका का कथन है कि उसका बयान पुलिस ने सही दर्ज नहीं किया है और विभिन्न पुलिस विभाग में शिकायत किया है जिसमें कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है। अनावेदक के 02 सहायक उप निरीक्षक उतई ने बताया कि इस प्रकारण में आवेदिका उच्च न्यायालय में प्रकरण लगा चुकी है और उच्च न्यायालय ने प्रकरण खारिज कर दिया है। प्रकरण सुनवाई हेतु रायपुर स्थानांतरित किया गया है। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने जमीन पर अनावेदकगण द्वारा
कब्जा करने और प्रकरण दायर करने की जानकारी दिया गया।
अनावेदक क्र. 1 ने एक एफ.आई.आर की कॉपी. प्रस्तुत किया है, जिसमें अनावेदक के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। दोनो पक्षों को अपने-अपने दस्तावेज व प्रकरण की संक्षिप्त को टाईप कराकर आयोग रायपुर में उपस्थिति होने का निर्देश दिया गया। आवेदिका ने कहा कि उसे अनावेदक 402 से लेकर 07 तक समाज से बहिष्कृत कर रखा है। अनावेदक के 1 से 4 व्दारा उस प्रकरण को वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है। अनावेदकगण ने कहा कि कोई भी सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है। आवेदिका की माता पिता सभी सामाजिक कार्यक्रम में आते जाते है और उनका कोई भी सामाजिक बहिष्कार नही किया गया है।
एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्ष के मध्य थाने में दहेज प्रताड़ऩा का मामला दर्ज हुआ है। उक्त दोनों प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका एवं अनावेदकगण के बीच बैंक संबंधी आपसी मामला होने पाया गया। दोनो पक्षांे की जांच आंतरिक समिति में अपना पक्ष रखकर जांच की जा सकती है नास्तिबद्ध एक अन्य प्रकरण में…