रायपुर। कोल घोटाले मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं निलंबित राप्रसे सौम्या चौरसिया की ईओडब्ल्यू को रिमांड मिल गई है। 27 मई तक दोनों ब्यूरो की रिमांड पर रहेंगी। दोनों से कोल लेवी घोटाले के संबंध में पूछताछ की जाएगी। दोनों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। दोनों निलंबित अफसरों को प्रोडक्शन वारंट पर अतुल कुमार श्रीवास्तव के विशेष कोर्ट लाया गया। जहां ने ईओडब्ल्यू दोनों की 15 दिन की रिमांड मांगी। कोर्ट ने इन्हें 27 मई तक के लिए रिमांड पर सौंपा है। ईओडब्ल्यू ने प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया था। बुधवार को कोर्ट ने आवेदन का स्वीकार कर लिया, जिसके बाद दोनों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया।
जानकारी के अनुसार ईडी की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने जनवरी में कोल लेवी घोटाले में करीब 35 लोगों पर एफआईआर की थी। इनमें रानू साहू और सौम्या चौरसिया का भी नाम था। ब्यूरो की टीम एक बार जेल में जाकर पूछताछ कर चुकी है, लेकिन अभी काफी पूछताछ बाकी है, जिसके आधार पर ब्यूरो ने दोनों का प्रोडक्शन वारंट मांगा।
छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने 540 करोड़ रुपए के कथित कोयला घोटाले का खुलासा किया था। मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में ईडी ने आईएएस अधिकारी समीर विष्णोई और व्यापारी सूर्यकांत तिवारी सहित तीन अन्य को गिरफ्तार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग मामला खदानों में लगे ट्रांसपोर्टर और ट्रकों पर अवैध लैवी वसूलने का है। फिर दो दिसंबर 2022 करीब साढ़े 17 महीने पहले सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 21 जुलाई 2023 को रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी घर पर ईडी ने छापा भी मारा था। इस दौरान करीब चौबीस घंटे की जांच के बाद ईडी ने 22 जुलाई की सुबह आईएएस रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया था। तब से दोनों जेल में ही हैं। सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है।