कोरबा। जिले में डेंगू मलेरिया के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है, वहीं स्वाइन फ्लू ने भी अब दस्तक दे दी है। शहर में इस बीमारी के दो मरीज पाए गए हैं। दोनों पीड़ितों को निजी अस्पताल में दाखिल किया गया है। मरीजों के स्वजनों को स्वास्थ्य विभाग ने होमआसोलेट कर लोगों को इस संक्रामक बीमारी से सतर्क रहने के लिए कहा है।
डेंगू के 24 मरीजों की पहचान
उधर डेंगू के अब तक 24 मरीज चिन्हांकित हो चुके हैं। इनमें से एक को अस्पताल में भर्ती किया गया है। 6 सक्रिय मरीज होम आइसोलेट हैं, वहीं 17 के स्वस्थ्य होने का दावा किया जा रहा है। स्वाइन फ्लू से बीते सप्ताह पड़ोसी जिले जांजगीर-चांपा व कोरिया में एक-एक मरीजों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता
डेंगू मलेरिया के बाद स्वाइन फ्लू के बढ़ते असर ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार को शहर में ही दो मरीज चिन्हित किए गए हैं। एक साथ दो-दो घातक बीमारियों के बढ़ते असर ने स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। पखवाड़े भर झमाझम हो रही वर्षा की वजह से शहर जगह-जगह पानी भरे हुए हैं। पानी निकासी की सुविधा बदहाल होने के कारण कई बस्तियो में पानी भर गया है।
बैक्टिरिया नाशक दवाओं का छिड़काव नहीं
धूप निकलने के बाद थम-थमकर वर्षा का दौर जारी है। नाली का पानी सड़कों में जाम हो रहा है। बैक्टिरिया नाशक दवाओं का छिड़काव नहीं होने की वजह स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। स्वच्छता के अभाव में बीमारियां फैल रही हैं। मितानिन और मलेरिया वर्कर में माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर जाकर बुखार के मरीजों की तालाश की जा रही है।
लोगों को कहा जा रहा है कि लगातार बुखार आने की स्थिति में अस्पताल जाकर शारीकि जांच कराएं। अब तक किए गए रैपिट टैस्ट में लेमरू देवपहरी क्षेत्र में मलेरिया के मरीज अधिक पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के अनुसार शरीर में प्रतिरक्षी क्षमता की कमी के कारण असर शीघ्र फैलता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रो का संचालन तो हो रहा है, लेकिन चिकित्सकों नियमिति उपस्थिति नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है
इंफ्लूएंजा की हो रही जांच
जिले के शहरी क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के दो मरीज मिले हैं। दोनों मरीज निजी अस्पताल में दाखिल हैं। स्वजनों की भी इंफ्लूएंजा जांच की जा रही है। जिला अस्पताल में भी इलाज के लिए तैयारी की गई है। स्वाइन फ्लू क अलावा डेंगू के भी मरीज मिल रहे हैं। वर्तमान में 6 एक्टीव मरीज हैं। इनमें एक को अस्पताल व छह को होम आइसोलेट किया गया है। लोगों को आसपास स्वच्छता बतरते व पानी जमा नहीं होने देने के लिए सतर्क किया जा रहा है। मितानिन व मलेरिया वर्कर के माध्यम से लगातार बुखार वाले मरीजों की जानकारी लेकर इलाज किया जा रहा है।
डॉ. एसएन केसरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी