सूरजपुर। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वनपरिक्षेत्र के टुकूडांड के जंगल में बीती रात दलदल में फंसी एक हथनी को वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद निकाला। जंगलों में पिछले कई दिनों से 30-35 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। बीती रात हाथियों का दल जंगल के रास्ते से होकर गुजर रहा था। इसी दौरान एक हथनी दलदल में जा गिरी और जोर-जोर से चिंघाड़ने लगी।
हथनी की चिंघाड़ रिहायशी क्षेत्र तक भी पहुंच रही थी, जिससे रहवासियों में दहशत का वातावरण बन गया था, वहीं दूसरी ओर दलदल में फंसी हथनी को बाहर निकालने के लिए दल में शामिल अन्य हाथी एकत्रित हो गए और उसे बाहर निकालने के लिए पूरी तकत झोंक दी, लेकिन बहुत प्रयास के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली। जब आसपास के लोगों को घटना की खबर मिली तो उन्होंने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग के अधिकारियों को दी, लेकिन रात हो जाने के कारण विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं किया। मौके पर दल के अन्य हाथी भी मौजूद थे, जिसके कारण वन विभाग रात में हिम्मत नहीं जुटा सका और सुबह होने का इंतजार किया।
हथनी के रेस्क्यू को देखता रहा हाथियों का दल
सुबह होते ही वन विभाग के अधिकारी- कर्मचारियों सहित पुलिस और विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. मादा हाथी का विशालकाय शरीर होने के कारण टीम को रेस्क्यू करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही आसपास मौजूद दल के अन्य हाथियों को किसी तरह जंगल की ओर खदेड़ा गया, लेकिन जब तक मादा हाथी दलदल से बाहर नहीं निकली तब तक दल के अन्य हाथी दूर से नजर बनाए हुए थे। रेस्क्यू के दौरान रेस्क्यू टीम सहित वहां उपस्थित लोगों में दहशत बना रहा। उनको पूरे समय यह डर सताता रहा कि कहीं दल के अन्य हाथी उनके ऊपर धावा न बोल दें।
उत्पाती हाथियों से परेशान स्थानीय निवासी
इधर दूसरी ओर पूरी रात कीचड़ में फंसे होने के कारण हथनी कमजोर हो गई है। पशु चिकित्सक उसका उपचार कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से क्षेत्र में 35 हाथियों का दल विचरण करने के साथ जमकर तबाही भी मचा रहा है। ये उत्पाती हाथी शाम ढलते ही रिहायशी क्षेत्रों में आ धमकते हैं और खेतों में खड़ी फसलों को रौंदकर नुकसान पहुंचाते हैं, वहीं सुबह होने के साथ ही जंगल की ओर रुख करते हैं।