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छत्तीसगढ़

हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास, मृतिका से था अवैध संबंध, जानिए क्या है पूरा मामला

गरियाबंद। अपर सत्र न्यायालय ने हत्या के एक मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन ने हत्या के आरोपी प्रीतम ओटी पिता छेरकू राम ओटी 49 वर्ष साकिन- कोचईमुडा थाना पीपरछेड़ी जिला गरियाबंद को आजीवन कारावास एवं 2,000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक जनक राम साहू ने बताया कि प्रार्थी सुरेश कुमार सोरी पिता हीरा लाल सोरी निवासी ग्राम कोचईमुड़ा थाना पीपरछेड़ी में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि 17 सितंबर 2019 को ग्राम कोपेकसा से रात्रि लगभग 01 बजे घर वापस आया तो देखा कि उसकी पत्नी जयंती बाई कमरे में नहीं थी। आसपास पता तलाश करने पर पता नहीं चला। प्रार्थी की उक्त सूचना पर थाना पीपरछेड़ी ने गुम इन्सान कायम कर पतासाजी की।

20 सितंबर 2019 को ग्राम कोचईमुड़ा से कुरूभाठा के जंगल के गड्ढे में जंयती बाई का शव मिलने पर पुलिस ने शव पंचनामा की कार्यवाही कर विवेचना में लिया। आरोपी प्रीतम ओटी से गवाहों के समक्ष मेमोरेण्डम कथन लेखबद्ध करने पर आरोपी ने पूछताछ में बताया था कि मृतिका जयंती बाई के साथ उसका अवैध संबंध लगभग एक वर्ष से था। 17 सितंबर 2019 को रात्रि लगभग 10 बजे जयंती के घर जाकर उसे बुलाया और दोनों कुरूभाठा जंगल गए, जहां मौका पाकर अपने गमछे से जयंती के गले में लपेटकर उसकी हत्या कर दी।

मामले में परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर आधारित था। पुलिस द्वारा प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना उपरांत न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध अपराध अन्तर्गत धारा 302, 201 भा०दं० संहिता के तहत अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवागंन के न्यायालय में प्रकरण की कार्यवाही प्रारंभ हुई। अभियोजन ने कुल 16 साक्षियों का परीक्षण कराया। अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन ने प्रकरण में आए परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं 2,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

धारा 201 भादंसं में 10 वर्ष का कारावास एवं 2,000 रुपए का अर्थदंड कुल 4,000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। प्रत्येक व्यतिकम में 1-1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने मृतिका जंयती बाई सोरी के परिवार को क्षतिपूर्ति राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर को दिलाए जाने की अनुशंसा की है। उपरोक्त प्रकरण की पैरवी जनक राम साहू अतिरिक्त लोक अभियोजक गरियाबंद ने की।