Home » कातिल ने मृतक को दिया अपना नाम: पहचान छुपाने के लिए चेहरा कुचलकर पहना दिए अपने कपड़े
छत्तीसगढ़

कातिल ने मृतक को दिया अपना नाम: पहचान छुपाने के लिए चेहरा कुचलकर पहना दिए अपने कपड़े

ऑटो चालक की हत्या मामले में चौकाने वाला खुलासा…

जांजगीर-चांपा। पंतोरा चौकी क्षेत्र अंतर्गत गुचगुलिया नाला के पास ऑटो चालक की हत्या से हड़कंप मच गया था। मृतक का चेहरा बुरी तरह कुचल दिया गया था। मृतक की पहचान शंकर शास्त्री 36 वर्ष निवासी नवापारा गणेश नगर सिरगिट्टी हाल मुकाम ढेका थाना तोरवा जिला बिलासपुर के रूप में हुई थी। मौके पर ऑटो पलटी हुई मिली थी। मामले में पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है। जिसे अब तक मरा हुआ समझा जा रहा था, वही कातिल निकला। ऑटो चालक शंकर शास्त्री ने चुरामन साव 37 वर्ष निवासी बोकारो झारखंड की हत्या को अंजाम दिया था। जांजगीर पुलिस ने 36 घंटे की कड़ी मशक्कत बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार शंकर शास्त्री 36 वर्ष निवासी दोमोहानी गांव ढेका बिलासपुर बिलासपुर स्टेशन के गेट नंबर 3 से सवारी लेकर जिले के विभिन्न स्थानों में छोड़ने का काम करता था। 25-26 दिसंबर की रात चौकी पंतोरा गुचगुलिया नाला के पास रोड में सिर को पत्थर से कुचलकर अज्ञात लोगों ने उसकी हत्या कर दी। उसकी ऑटो को पलटाकर दुर्घटना का रूप दिया गया। मामले की रिपोर्ट पर पंतरा में मर्ग कायम कर जांच में लिया गया। पुलिस जांच में पता चला कि 25 दिसंबर की रात बिलासपुर से यात्री को लेकर रवाना हुआ था। सीसीटीवी की जांच करने खिसोरा में भी दिखाई पड़ा था। यात्री ने ऑटो चालक को फोन पे से 210 रूपए भी भेजा था। जांच में मोबाईल धारक चुरामन साव पिता स्व श्यामलाल साव निवासी गुंजरडीह थाना नवाडीह जिला बोकारो झारखंड निकला। मोबाईल धारक के कोरबा में होने की जानकारी मिली। कोरबा में पुराना बस स्टैंड स्थित ज्योति लॉज में रूकने के बाद 27 दिसंबर को सुबह 10 बजे चेकआउट होने की जानकारी रजिस्टर से मिली। 28 दिसंबर को चुरावन कोरबा रेलवे स्टेशन में मिला।

पूछताछ करने पर स्वयं को ऑटो चालक शंकर शास्त्री पिता स्व जगजीवन शास़्त्री बताया। उसने बताया कि चुरावन साव से उसका मोबाईल 3500 में खरीदा था। पैसे एसबीआई एटीएम से निकालकर दिया था। उसके लिए शराब भट्ठी से शराब और 210 का चखना लाया था। महिमा काम्पलेक्स होते हुए तोरवा थाना चौक से निकलकर मोपका सीपत, कुली से बलौदा होते हुए 10.30 बजे खिसोरा से थोड़ी दूर ऑटो खराब होने लगा। उतरकर चेक किया। उसी समय सामने से तीन सवारी बाइक से गुजर रहे थे। बाइक को रूकवाकर ऑटो बनने के लिए मिस्त्री के संबंध में पूछा तो वे बोले की रात हो गया है, मिस्त्री कल मिलेगा। आगे मत जाओ, आगे जंगल है। यहीं गांव में रूक जाओ। इसके बाद ऑटो में पंप मारा तो पुनः चालू हो गया। आगे डेढ़ किलोमीटर चलने के बाद ऑटो फिर बंद हो गया। ऑटो में बैठा व्यक्ति सो गया था, उसे उतरने के लिए बोला, वह गहरी नींद में था। उसका पैर पकड़कर गुस्से से खींचा तो वह नींद में सड़क पर गिर गया। उसके सिर से खून बहने लगा। ऐसा लगा कि वह मर गया है। उसका टीशर्ट और पेंट निकालकर खुद पहन लिया। अपना टीशर्ट और लोवर निकालकर उसे पहना दिया। अपने जूते निकालकर ऑटो में डाल दिया। इसके बाद ऑटो को पलटा दिया। उसके बैग में रखे काले रंग के पेंट को पहन लिया। इसके बाद पत्थर से उसके सिर पर दो बार पलटककर चेहरे को कुचल दिया, ताकि उसकी पहचान न हो सके, वहीं पर एक पाव देशी शराब पी और शीशी को वहीं छोड़ दिया। मोबाईल को उसके पास छोड़ दिया, ताकि लोग यह समझे कि ऑटो चालक शंकर शास्त्री का एक्सीडेंट हो गया है और वह मर गया है। ऑटो चालक स्वयं जंगल के रास्ते पंतोरा चौकी के पीछे से रोड में आ गया और ट्रक में बैठकर कोरबा आ गया। कोरबा आने के बाद पुराना बस स्टैंड में पीपल पेड़ के नीचे सुबह 9 बजे तक बैठा रहा। पहचान छुपाने के लिए सेलून में जाकर अपना सिर मुंडवा लिया। इसके बाद ज्याति लॉज में एक रूम किराये पर लिया। रजिस्टर में अपना नाम आधार कार्ड निकालकर चुरामन साव पिता स्व श्यामलाल साव ग्राम बुंगा ग्राम पोस्ट गुजरडीह थाना नवाडीह बोकारो दर्ज करा दिया। दिन भर होटल में रहने के बाद शाम को बाहर चाय पीने गया। रात को लॉज में सो गया। 27 दिसंबर को सुबह 10 बजे रूम छोड़कर कोरबा में ही घूमता रहा। आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। पूछताछ के बाद आरोपी को रिमांड पर भेजा गया है। उक्त कार्यवाही में साइबर सेल के निरीक्षक प्रवीण कुमार द्विवेदी, उपनिरीक्षक पारस पटेल, सउनि मुकेश पांडेय, प्रआर विवेक सिंह, राजकुमार चंद्रा, बलवीर सिंह, आरक्षक रोहित कहरा, गिरीश कश्यप, थाना प्रभारी बलौदा उपनिरीक्षक मनोहर सिन्हा, चौकी प्रभारी पंतोरा दिलीप सिंह, आरक्षक शहबाज खान, नंदकुमार पटेल, कोरबा साइबर सेल के उपनिरीक्षक नवीन पटेल, सउनि अजय सोनवानी, आरक्षक रवि चौबे, चंद्रकांत गुप्ता का विशेष योगदान रहा।