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छत्तीसगढ़ रायगढ़

हाथी हमले में ग्रामीण की मौत, तेंदुपत्ता तोड़ने गया था जंगल

रायगढ़ । छाल थाना क्षेत्रांतर्गत भलमुडी ग्राम निवासी सुबरन राठिया पुत्र बुद्धुराम राठिया बुधवार की सुबह तेंदुपत्ता तोड़ने जंगल गया हुआ था। जिसके बाद वह रात तक घर नहीं लौटा।

गुरूवार की सुबह जब गांव के लोग उसे खोजते हुए जंगल की ओर पहुंचे, तब उन्हें सुबरन की लाश मिली। ग्रामीणों के अनुसार, तेंदुपत्ता तोड़ने के दौरान सुबरन का छाल वन परिक्षेत्र के आरएफ 519 औरानारा में हाथी से सामना हो गया। इसके बाद हाथी ने कुचलकर सुबरन को मौत के घाट उतार दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल वन परिक्षेत्र के जंगलों में बीते कई सालों से हाथियों के दल ने डेरा डाला हुआ है। वन विभाग के अनुसार इन दिनों रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में 127 हाथी अलग-अलग दल में विचरण कर रहे हैं। वहीं, रायगढ़ वन मंडल के जंगलों में पांच हाथी विचरण कर रहे हैं। हाथियों के दल में सर्वाधिक धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के क्रोन्धा में 37 हाथी, छाल के पुरूंगा में 26, छाल के बेहरामार में 16, कापू में 12, के अलावा अलग-अलग बीट में हाथियों का विचरण कर रहा है। हाथियों के इस दल में नर 37, मादा 60 के अलावा 35 बच्चे शामिल हैं।
0 ड्रोन कैमरे से नजर
वन विभाग की टीम के द्वारा लगातार हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी कराने के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने से मना किया जा रहा है। जंगलों से घिरे रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में एक लंबे अर्से से हाथियों का एक दल विचरण कर रहा है। यहां हाथियों की संख्याओं में कमी एवं बढ़ोतरी होती रहती है। चूंकि भोजन एवं पानी की पर्याप्त मात्रा होने की वजह से यहां का जंगल हाथियों के लिये अनूकुल भी माना जाता है। ऐसे में वन विभाग एवं हाथी मित्र दल के द्वारा हाथियों के मूवमेंट में नजर बनाये रखने के लिए ड्रोन कैमरे से हाथियों पर नजर रखी जाती है। साथ ही जिस क्षेत्र में हाथियों का दल पहुंचता वहां के लोगों को सावधानी बरतने की अपील की जाती है।