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दिल्ली-एनसीआर

अग्निपथ योजना देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ : कर्नल चौधरी

नई दिल्ली। देश सेवा का जुनून पाले हजारों युवाओं ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सेना और वायुसेना में भर्ती होकर सरकार से नियुक्ति पत्र देने की गुहार लगाई। कांग्रेस पार्टी के ‘पूर्व सैनिक विभाग’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने डेढ़ लाख से ज्यादा युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। ये सभी युवा, सेना में भर्ती होने के काबिल थे। इन्होंने भर्ती के दो पड़ाव भी पार कर लिए थे। कर्नल रोहित चौधरी ने सरकार से मांग की है कि इन युवाओं को तुरंत ज्वाइनिंग दी जाए।

उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना लागू होने से पहले करीब डेढ़ लाख युवा, जिन्होंने आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में भर्ती के लिए आवेदन दिया था, केंद्र सरकार ने उन युवाओं के ‘नाम-नमक-निशान’ के सपने को चूर-चूर कर दिया।

दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचे हजारों युवाओं को संबोधित करते हुए कर्नल चौधरी ने कहा, अग्निपथ योजना, देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। देश के अंदर ऐसी स्कीम लाई गई है, जिसके तहत सैनिकों के अंदर ही भेदभाव कर दिया गया। बिहार के चंपारण से अनेक युवा, 1100 किलोमीटर पैदल चलकर दिल्ली पहुचे हैं। फौज में तीन चीज ‘नाम, नमक और निशान’के लिए लड़ाई लड़ी जाती है। नाम आपका, नाम आपके परिवार का, नाम आपकी पलटन का, नाम आपके गांव का। नमक, हम इस देश के नागरिक हैं, इसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। हमने इस देश का नमक खाया है। आज हम देश के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। निशान, कोई भी लड़ाई किसी झंडे के नीचे ही लड़ी जाती है। एक निशान तय करना पड़ता है। हां, दस सेनापति हो जाते हैं, वहां पर सेना का हारना निश्चित है। सेना का सेनापति और यूनिटी ऑफ कमांड, यह आवाज एक होनी चाहिए।

राजस्थान से दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचे अनिल बिश्नोई का कहना है कि  जून 2021 में हम परीक्षा देने की तैयारी कर रहे थे। तमाम तरह की मुश्किलों को झेलते हुए जब हजारों युवा, परीक्षा सेंटर पर पहुंचे, तो वहां पता चला कि परीक्षा रद्द कर दी गई है। करीब डेढ़ लाख युवाओं को निराश होकर अपने घर लौटना पड़ा। हम इस आस में बैठे थे कि हमने शारीरिक परीक्षा और मेडिकल जांच का पड़ाव पार कर लिया है। केवल एग्जाम बाकी था। उसी बीच अग्निपथ योजना आ गई। हालांकि यह भर्ती तो उससे पहले की थी। इस वजह से हमारी भर्ती को अधर में लटका दिया गया। हमें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया गया। आयु निकलने के चलते हमारे पास दूसरा चांस नहीं था। कोविड के कारण हमारी परीक्षा टाल दी गई। हमें उम्मीद थी कि देर-सवेर परीक्षा होगी और हमें सेना में सेवा करने का मौका मिलेगा।