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महिलाओं के हित में बड़ा फैसला: लोकसभा में आरक्षण बिल पास, पक्ष में 454 और विपक्ष में 2 वोट

नई दिल्ली। लोकसभा में दिन भर चली बहस के बाद ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पर वोटिंग हुई और आखिरकार बिल लोकसभा से पास हो गया। पर्चियों के माध्यम से वोटिंग कराई गई और समर्थन में 454 वोट डाले गए, जबकि दो वोट विरोध में पड़े। इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से सांसदों ने महिला आरक्षण को लेकर अपनी-अपनी बात रखी।

लोकसभा में लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण बिल बुधवार शाम को पास हो गया। महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े। लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है। बता दें कि इसके विरोध में सिर्फ 2 वोट ही पड़े हैं। संविधान संशोधन के लिए सदन की संख्या के दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है, जबकि किसी नॉर्मल बिल को पास कराने के लिए सदन में 50 फीसदी से ज्यादा सदस्य मौजूद होने चाहिए। उसका दो तिहाई बहुमत से उसे पारित किया जाना चाहिए, लेकिन ये संविधान संशोधन विधेयक था, लिहाजा कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दलों ने भी सरकार का साथ दिया। हालांकि कुछ लोगों ने विरोध जताया, लेकिन सरकार के साथ खड़े दिखाई दिए.

0 महिला आरक्षण को हमारा समर्थन, ओबीसी को शामिल न करना अपमानजनक – राहुल

कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण को हमारा समर्थन है। राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण एक बहुत बड़ा कदम है। इस दौरान राहुल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले और इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि नई संसद के प्रवेश में राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया गया। इतना ही नहीं इस दौरान राहुल गांधी ने जाति जनगणना की भी मांग की। राहुल ने कहा कि महिलाएं 7, 8, 9 साल तक क्यों इंतजार करें। राहुल ने कहा कि भारत सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ 3 ओबीसी समुदाय से हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण में ओबीसी का शामिल ना करना अपमानजनक है।