नई दिल्ली। हवाई अड्डों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर तेजी से बढ़ती सुरक्षाबलों की तैनाती को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पहली केवल महिला सीआईएसएफ रिजर्व बटालियन को मंजूरी दी है। इसमें 1,000 से ज्यादा महिलाकर्मी मौजूद होंगे।
स्वीकृत कर्मचारियों में से ही बनाई जाएगी बटालियन
अधिकारियों के अनुसार, यह इकाई सीआईएसएफ के मौजूदा स्वीकृत दो लाख कर्मचारियों में से ही बनाई जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस सप्ताह ही इसका आदेश जारी किया है। इसमें एक वरिष्ठ कमांडेंट श्रेणी के अधिकारी के नेतृत्व में कुल 1025 महिला सिपाही होंगे।
सीआईएसएफ के पास फिलहाल 12 रिजर्व बटालियन
फिलहाल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के पास 12 रिजर्व बटालियन मौजूद हैं। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि ये बटालियन रिजर्व यानी अलग रखी गई हैं और इन्हें अतिरिक्त सैन्य बल के रूप में तब इस्तेमाल किया जाता है, जब सीआईएसएफ को चुनाव संपन्न कराने जैसे अस्थायी काम दिए जाते हैं। यह संसद भवन परिसर जैसे महत्वपूर्ण स्थान की सुरक्षा भी संभाल रही है, जिसे इसी वर्ष संसद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
सीआईएसएफ में महिला कर्मियों की भी काफी संख्या है, जो 68 सार्वजनिक हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो और ताज महल व लाल किला जैसी ऐतिहासिक धरोहरों की भी सुरक्षा करती हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, सीआईएसएफ ने एक केवल महिला रिजर्व बटालियन की जरूरत बताई थी, जिसे हाल ही में मंजूरी दी गई है। सीआईएसएफ परमाणु और अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े कई प्रमुख प्रतिष्ठानों को आतंकरोधी सुरक्षा प्रदान करने के साथ पुणे-बेंगलुरु में इंफोसिस के कार्यालयों, जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी समेत कई प्रमुख निजी क्षेत्रों की भी सुरक्षा में तैनात है।