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दिल्ली-एनसीआर

कोल्ड अटैक : घने कोहरे से ट्रेनों की रफ्तार हुई धीमी, विमानों की चाल ठिठकी

उत्तर भारत में पड़ने वाले कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कोहरे ने जहां ट्रेनों की रफ्तार को थाम लिया है तो वहीं विमानों के पंख पर भी पहरा लगा रहा है। इस वजह से यात्री ठंड में ना केवल प्लेटफार्म पर ट्रेनों के घंटों इंतजार कर ठिठुर रहे है बल्कि एयरपोर्ट पर विमानों के परिवर्तित समय से चलने और दिल्ली की जगह किसी और स्थान के एयरपोर्ट पर उतरने की वजह से परेशान हैं।

बृहस्पतिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्री ठंड में अपनी ट्रेन के स्टेशन पर आने का इंतजार करते दिखें। ट्रेनें के परिचालन की स्थिति को देखें तो नई दिल्ली से तिरुवनंतपुरम जाने वाली केरल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय बुधवार देर शाम 8.10 बजे की जगह 12.20 घंटे की देरी से बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े आठ बजे रवाना हुई। वहीं नई दिल्ली से लखनऊ जाने वाली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस 5.50 घंटे की देरी से दोपहर 12 बजे रवाना हुई। आनंद विहार टर्मिनल-आरा विशेष साढ़े पांच घंटे की देरी से अपराह्न तीन बजे रवाना हुई। लगातार चौथे दिन ट्रेन की सुस्त रफ्तार ने मुसाफिरों को हलकान कर दिया। बृहस्पतिवार को 80 से अधिक ट्रेन घंटों देरी से चली तो 14 ट्रेन परिवर्तित समय से चलाई गई। इस दौरान ऑपरेशनल कारणों से भी कई ट्रेन निरस्त भी कर दी गई।

कई विमानों के रूट डायवर्ट
धुंध के आगे विमानों का उड़ान भी लगातार प्रभावित हो रहा है। नई दिल्ली एयरपोर्ट की जगह विमान को किसी दूसरे राज्य के एयरपोर्ट पर उतारा जा रहा है। इससे यात्रियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रनवे पर शून्य दृश्यता की वजह से कृत्रिम लाइट में भी विमानों का रनवे पर उतरना दुभर साबित हो रहा है। खासकर वैसे विमान जिसके चालक कैट थ्री ट्रेनिंग वाले नहीं है, उनके विमान को ज्यादातर डाइवर्ट करना पड़ रहा है।

दरअसल इस श्रेणी वाले पायलट ऑटो लैंडिंग के माध्यम से विमान को 50 मीटर की दृश्यकता और लो विजिबिलिटी प्रोसीजर एयरपोर्ट पर लागू होने पर विमान को रनवे पर उतारने में सक्षम होते है। इतना ही नहीं एयर ट्रैफिक कंट्रोलर भी उन्हीं विमानों को अल्प दृश्यता की स्थिति में रनवे पर उतारने की अनुमति देते जिसके चालक कैट थ्री श्रेणी वाले होते है।

एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार 25 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच कुल 58 विमान को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने की इजाजत नहीं मिली। इनमें 50 ऐसे विमान थे जिनके पायलट कैट थ्री श्रेणी वाले नहीं थे। इनमें भी सबसे अधिक संख्या इंडिगो विमान का रहा। पिछले चार दिनों में सबसे अधिक विमान डायवर्ट इंडिगो का ही रहा है। इनकी संख्या 13 है। दूसरी नंबर पर स्पाइस जेट और एयर इंडिया का है। इसकी संख्या 10-10 है, जिसे नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने की इजाजत नहीं मिली।

घने कोहरे के कारण बृहस्पतिवार को आगमन व प्रस्थान से जुड़ी करीब 271 उड़ान प्रभावित हुई। करीब डेढ़ दर्जन उड़ानों को रद करना पड़ा। एक उड़ान को डाइवर्ट करना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय प्रस्थान से जुड़ी 41 व घरेलू प्रस्थान से जुड़ी करीब 150 उड़ान विलंब हुई।