नईदिल्ली। चीन में बच्चों में फैल रही रहस्यमय निमोनिया से हाहाकार मचा हुआ है। पूरे चीन में (एच- 9 एन-2) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में बच्चे सांस लेने दिक्कतों से जूझ रहे हैं। चीन के अस्पतालों में लंबी लाइन लग रही है। वहां के स्कूलों में तेजी से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ रहा है। इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे अधिकतर बच्चों के फेफड़ों में जलन, तेज बुखार, खांसी, जुकाम जैसे और भी कई लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
चीन में फैल रहे इस रहस्यमय निमोनिया को लेकर भारत के डॉक्टर क्या कहते हैं और इससे बचने के लिए क्या कदम उठाना चाहिए यह जान लेते हैं। डॉक्टरों ने लोगों से बचाव के साथ-साथ सावधानी बरतने की बात भी कही है। दिल्ली एम्स में क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट में एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर युद्धवीर सिंह ने बताया कि चीन में निमोनिया के जो मामले बढ़ रहे हैं वो किसी वायरस के कारण भी हो सकता है, लेकिन फिलहाल ये देखना होगा की केस कितने बढ़ रहे हैं और बच्चों में लक्षण गंभीर तो नहीं है।
डॉक्टर बोले- विश्व स्वास्थ्य संगठन को निगरानी रखनी होगी
उन्होंने कहा कि अगर मामले ज्यादा हैं तो इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन को खास निगरानी रखनी होगी और प्रोटोकॉल के हिसाब से दुनिया भर में निमोनिया को लेकर गाइड लाइन जारी करनी होगी। जहां तक बात भारत की है तो यहां फिलहाल कोई खतरा नहीं है, हालांकि अगर किसी बच्चे को खांसी, जुकाम और सांस लेने में परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें। फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं है बस चीन के हालात पर नजर रखनी होगी।
‘पैनिक होने की बात नहीं’
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर जुगल किशोर बताते हैं कि चीन में निमोनिया के मामले रिपोर्ट हो रहे हैं, चूंकि निमोनिया एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। चीन के मामलों पर नजर रखनी होगी। इस समय किसी भी बीमारी का केस बढ़ना अच्छा संकेत नहीं है, लेकिन फिलहाल ये कहना मुश्किल है की ये बीमारी क्यों फैल रही है। क्या ये दूसरे देशों में जाएगी या नहीं? फिलहाल चीन पर नजर रखनी होगी। भारत की बात करें तो पैनिक होने की जरूरत नहीं है। यहां निमोनिया का इलाज मौजूद है।
क्या है रहस्यमयी निमोनिया?
चीन में जो रहस्यमयी निमोनिया तेजी से फैल रहा है, उसमें बच्चों के फेफड़ों में दर्द हो रहा है और किसी-किसी को तो तेज बुखार की भी शिकायत मिल रही है। फेफड़े में दिक्कत होने की वजह से बच्चों को सांस लेने में परेशानी उठानी पड़ रही है। बीजिंग का पीडियाट्रिक हॉस्पिटल बीमार बच्चों से भर गया है।