नईदिल्ली। पाकिस्तान के कराची शहर में एक मछुआरा गोल्डन फिश की नीलामी के बाद करोड़पति बन गया। हाजी बलूच और उसके साथ काम करने वालों ने सोमवार को अरब सागर से इस मछली को पकड़ा था। इसे शोवा के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि मछली में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। पाकिस्तान फिशरमेन फोक फोरम के मुबारक खान ने कहा कि शुक्रवार सुबह कराची बंदरगाह पर मछलियों की नीलामी हुई तो हाजी बलूच की ओर से पकड़ी गई मछलियों के लिए उसे सात करोड़ पाकिस्तानी रुपये दिए गए। शोवा मछली को दुर्लभ माना जाता है, क्योंकि इसके पेट से निकलने वाले पदार्थों में बीमारियों के उपचार के औषधीय गुण होते हैं। मछली से प्राप्त धागे जैसे पदार्थ का उपयोग शल्य चिकित्सा की प्रक्रियाओं में भी किया जाता है। हाजी बलूच ने कहा कि नीलामी में एक मछली की कीमत करीब 70 लाख रुपए थी। इस मछली का वजन 20 से 40 किलो के बीच होता है और यह 1.5 मीटर तक बढ़ सकती है। पूर्वी एशियाई देशों में इसकी बहुत मांग है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सोवा सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी रखती है। इसका उपयोग पारंपरिक दवाओं और स्थानीय व्यंजनों में किया जाता है। ये मछली केवल प्रजनन काल के दौरान ही तट के पास आती है।