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दिल्ली-एनसीआर

नालेज इंडिया विजिटर्स प्रोग्राम में शामिल हुए विदेश मंत्री, ‘भारत’ शब्द पर दिया व्याख्यान, ये कहा…

नई दिल्ली। सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘भारत’ के महत्व को रेखांकित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में ‘भारत’ शब्द के विविध प्रतीकवाद पर भी प्रकाश डाला। जयशंकर ने कहा कि जो विषय मुझे लगा कि इस समय उपयुक्त होगा, वह है भारत का निर्माण। उन्होंने कहा कि लोग कभी-कभी इसे राजनीतिक के रूप में देखते हैं। लेकिन अगर आप वास्तव में ‘भारत’ शब्द को समझते तो आज वास्तव में इसके कई प्रतीक हैं।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा आयोजित ‘नॉलेज इंडिया विजिटर्स प्रोग्राम’ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शिरकत की। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आईसीसीआर की पहल के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने देश के निर्माण पर जोर देते हुए भारत को स्वतंत्रता का प्रतीक बताया।

संबोधन में जयशंकर ने कहा कि राजनीति और भाषाई आधार से इतर, भारत का आर्थिक महत्व भी है, जो आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा में समाहित है। यह लचीलापन, आत्मनिर्भरता, प्रतिभा की अभिव्यक्ति को दर्शाता है। भारत एक समावेशी, न्यायसंगत और निष्पक्ष समाज बनाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। सच्ची परीक्षा यही है कि कोई भी विकास की यात्रा में पीछे न छूटे।
अपने संबोधन में उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका पर चर्चा करते हुए दिल्ली में आयोजित हुई जी20 अध्यक्षता की सफलता का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण के बीच की खाई को पाटने का काम भारत ने किया। हमने ऐसी संस्कृति का प्रदर्शन किया, जो विभाजित दुनिया के बीच सामंजस्य बिठाती है। साथ ही कहा कि भविष्य के लिए भारत की महत्वाकांक्षी दृष्टि – ‘अमृत काल’ को रेखांकित किया, जो 25 साल की एक योजना है। यह ऐतिहासिक चुनौतियों का समाधान करने और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थिति स्थापित करने पर केंद्रित है।

बता दें केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आईसीसीआर के ‘नॉलेज इंडिया विजिटर्स प्रोग्राम’ का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने में आयुष मंत्रालय की वैश्विक उपलब्धियों को बारीकियों से बताया।