नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने देश में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों के मामले पर बुधवार (11 दिसंबर, 2024) को बताया कि इसके पीछे कोरोना वैक्सीन नहीं है। सदन में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए नड्डा ने बताया कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हार्ट अटैक से मौत के मामले कम हुए हैं। कई दिनों से ये सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना वैक्सीन के कारण अचानक हार्ट अटैक से मौत के मामले सामने आ रहे हैं। इसी सवाल के जवाब में जेपी नड्डा ने ये रिपोर्ट पेश की।
इस सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि अचानक हार्ट अटैक से मौतें कोरोना वैक्सीन के कारण नहीं हो रही है। उन्होंने ICMR की एक रिपोर्ट का हवाला दिया और सदन में पेश भी किया। रिपोर्च में दावा किया गया है कि भारत में हार्ट अटैक से हो रही मौत के पीछे कोरोना वैक्सीन नहीं है, बल्कि उनकी संभावना कम हुई है।
क्या कहती है ICMR की रिपोर्ट?
आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने एक परीक्षण किया, जिसमें विश्लेषण के लिए 729 अचानक मृत्यु के मामले और 2,916 नियंत्रण शामिल किए गए. उसमें ये देखा गया है कि कोविड-19 वैक्सीन की कोई भी खुराक लेने से अकारण अचानक मृत्यु की संभावना कम हो गई है। वहीं कोविड-19 वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों में अकारण अचानक मृत्यु की संभावना और भी ज्यादा कम हो गई।
तो अचानक होने वाली मौतों के पीछे ये है बड़ी वजह
रिसर्च में ऐसे कई ऐसे फैक्टर्स की भी पहचान की गई है जो अचानक मृत्यु के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिनमें मृतक के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती रहना, परिवार में पहले किसी की अचानक मृत्यु होना, मृत्यु से 48 घंटे पहले अत्यधिक शराब पीना, नशीली दवाओं का उपयोग और मौत से 48 घंटे पहले बहुत ज्यादा शारीरिक गतिविधि (जिम में व्यायाम) शामिल है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि आईसीएमआर की स्टडी से यह स्पष्ट हो गया है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन और युवा वयस्कों की अचानक मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है। इसके बजाय, कोविड-19 हॉस्पिटलाइजेशन की हिस्ट्री, फैमिली में ऐसी आकस्मिक मौतों की हिस्ट्री, और लाइफस्टाइल से जुड़े कुछ व्यवहार जैसे फैक्टर्स को ऐसी मौतों की संभावना बढ़ाने के लिए जिम्मेदार पाया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स को ट्रैक करने के लिए ‘एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन’ (AEFI) नाम से एक मजबूत सर्विलांस सिस्टम बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट का मुद्दा
बता दें कि कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। इस साल 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के कारण ब्लड क्लॉटिंग जैसे साइड-इफेक्ट का आरोप लगाने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा था कि ये याचिकाएं सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए दायर की गई थीं।