भारत में बदल जाएगी इंटरनेट की दुनिया
नई दिल्ली। भारत अपने सबसे उन्नत संचार उपग्रह, जीएसएटी एन2, (जिसे जीएसएटी-20 के नाम से भी जाना जाता है, को लॉन्च करने के लिए तैयार है। इस उपग्रह को अमेरिका के केप कैनावेरल से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित इस उपग्रह का वजन लगभग 4,700 किलोग्राम है और यह भारतीय रॉकेट के लिए बहुत भारी था। चूंकि इसे भारतीय रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च नहीं किया जा सका, इसलिए इसे एक विदेशी वाणिज्यिक लॉन्च के माध्यम से तैनात किया जा रहा है। यह प्रक्षेपण इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के माध्यम से किया जा रहा है। यह एनएसआईएल का दूसरा वाणिज्यिक उपग्रह होगा, जो पहले से ही भारतीय क्षेत्रों में सेवा दे रहे 11 उपग्रहों का पूरक होगा।
दूरदराज के क्षेत्रों और उड़ानों में इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा
एक बार चालू होने के बाद, यह उपग्रह भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में डेटा और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, यह विमान में सवार यात्रियों के लिए इन-फ़्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी सक्षम करेगा। हालांकि, इन उपग्रह- आधारित इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह से उपलब्ध होने में कुछ समय लग सकता है, क्योंकि सेवा प्रदाताओं को लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होगी और विमान को उपग्रह प्रणाली से जुड़ने के लिए तैयारी की आवश्यकता होगी।
भारत का सबसे उन्नत और उच्च क्षमता वाला उपग्रह
एक रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक डॉ. एम. शंकरन ने कहा, घरेलू स्तर पर विकसित यह उपग्रह भारत में उड़ान के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण अंतर को पाट देगा। अब तक, भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को इंटरनेट सेवाएँ बंद करनी पड़ती थीं, क्योंकि भारत में ऐसी सेवाओं की अनुमति नहीं थी।