नई दिल्ली। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि मौसम के बेहतर पूर्वानुमान के लिए देश के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। AI के जरिए न सिर्फ मौसम परिस्थतियों बल्कि ग्लेशियर टूटने जैसी स्थितियों का भी बेहतर अनुमान लगाया जा सकता है।
39 डॉपलर मौसम रडार का एक नेटवर्क तैनात
उन्होंने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 39 डॉपलर मौसम रडार का एक नेटवर्क तैनात किया है जो देश के 85 प्रतिशत भूभाग को कवर करता है और प्रमुख शहरों के लिए प्रति घंटे का पूर्वानुमान बताता है। उन्होंने कहा कि आईएमडी ने वर्ष 1901 से देश के मौसम रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया है और मौसम के बारे में जानकारी जुटाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है।