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दिल्ली-एनसीआर

संभल जाने निकले राहुल गांधी को गाजीपुर बार्डर पर पुलिस ने रोका, बोले- ये विशेषाधिकार का हनन

नई दिल्ली। संभल जाने के लिए निकले राहुल गांधी को दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर पुलिस ने रोक लिया। इस पर राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस जाने से रोक रही है। लोकसभा में नेता विपक्ष के नाते मेरा अधिकार बनता है कि मैं वहां जा सकता हूं। इसके बावजूद भी मुझे रोका जा रहा है। यह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के मेरे अधिकार का हनन है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं अकेला जाने को तैयार हूं, पुलिस के साथ जाने को तैयार हूं लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई।

राहुल गांधी ने संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा, ”यह (संभल जाने से रोका जाना) लोकतंत्र के खिलाफ है। हम संभल जाकर देखना चाहते हैं कि वहां क्या हुआ। हम लोगों से मिलना चाहते हैं लेकिन मेरा जो संवैधानिक अधिकार है, मुझे उससे वंचित किया जा रहा है। यह संविधान को खत्म करने वाला हिंदुस्तान है। अंबेडकर जी के संविधान को खत्म करने वाला हिंदुस्तान है। मगर हम लड़ते रहेंगे।” राहुल के साथ मौके पर मौजूद उनकी बहन और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी राहुल को रोके जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ”संभल में जो हुआ, वह गलत है। राहुल जी नेता प्रतिपक्ष हैं। उनके संवैधानिक विशेषाधिकार हैं जो बाकी लोगों से अलग हैं। उनको रोका नहीं जा सकता।”

हिंसा प्रभावित संभल में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने जा रहे राहुल गांधी को बुधवार को रास्ते में दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राहुल गांधी, प्रियंका और अन्य वरिष्ठ नेता गाजीपुर सीमा पर पहुंचे। उनके काफिले को अवरोधक लगाकर रोक दिया गया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा नेबताया कि संभल में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (निषेधाज्ञा) संभल में 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। इसके साथ ही, संभल में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक शनिवार को खत्म हो रही थी जिसे जिलाधिकारी ने बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया है।

हिंसा में चार लोगों की हुई थी मौत-  संभल की एक अदालत ने 19 नवंबर को शहर के कोट पूर्वी मोहल्ले में स्थित मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था और उसी दिन एक टीम ने वहां का सर्वेक्षण किया था। तभी से विवाद पैदा हो गया था। उसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश उस याचिका पर दिया है जिसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद स्थित है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।