नई दिल्ली। आखिरकार पति से बेवफाई की सजा एसडीएम ज्योति मौर्य को मिल ही गई। यूपी की एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के बीच विवाद की खबर सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे हैं, जिसे लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। इसी बीच अब सोशल मीडिया में ज्योति मौर्य को लेकर एक नई खबर वायरल हो रही है, जिसमें ज्योति मौर्य को पद से हटाने की बात कही जा रही है। वायरल खबर के अनुसार दावा किया जा रहा है कि एसडीएम ज्योति मौर्य को उसके करनी का फल आखिरकार मिल गया है। एसडीएम ज्योति मौर्य को योगी सरकार ने पद से हटा दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस खबर की सच्चाई ये है कि खबर पूरी तरह से अफवाह है। ज्योति मौर्य के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। फिलहाल मामले में जांच जारी है और पीसीएस ज्योति मौर्य ने हाल ही में पति के आरोपों पर जवाब भी दे दिया है।
0 ये है पूरा मामला
दरअसल पंचायतीराज विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत आलोक मौर्य का आरोप है कि शादी के बाद से वह पत्नी ज्योति मौर्य को पढ़ाने में अपनी कमाई का काफी पैसा खर्च किया है। पढ़-लिखकर ज्योति यूपीपीएससी में चयनित होकर जब अधिकारी बन गई तो उसने पति को धोखा दे दिया। जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 में आलोक की शादी वाराणसी की रहने वाली ज्योति मौर्य से हुई थी। साल 2015 में ज्योति मौर्या ने जुड़वा बेटियों को जन्म दिया था। पति आलोक का आरोप है कि साल 2020 में उसकी पत्नी होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के संपर्क में आई और फिर मुझसे दूर होती चली गई। आलोक मौर्य का आरोप यह भी है कि पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या का प्रेमी मनीष दुबे गाजियाबाद में होमगार्ड कमांडेंट के पद पर तैनात है। आलोक के अनुसार मनीष के साथ उसकी पत्नी का अवैध रिश्ता है।
0 पीसीएस अधिकारी को कौन कर सकता है बर्खास्त
पीसीएस अधिकारी को केवल राज्य सरकार ही बर्खास्त कर सकता है। जब कोई अधिकारी जांच में भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है या किसी गंभीर अपराध में शामिल पाया जाता है तो उसे सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। इसके अलावा कोई पुरूष कर्मचारी दुष्कर्म जैसे मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे सेवा से पृथक किया जा सकता है।