Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक के कारण सीएम नीतीश कुमार की पार्टी को बिहार में झटका लगने का सिलसिला लगातार जारी है। अब औरंगाबाद में जदयू के मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। वक्फ संशोधक विधेयक पर जदयू के स्टैंड नाराज सात मुस्लिम नेताओं ने अपने सर्मथकों के साथ मिलकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैं। इन नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग दी।
इस्तीफा देने वालों में समता पार्टी के रूप में स्थापना काल से 27 वर्षों से जुड़े जदयू के जिला उपाध्यक्ष जहीर अहसन आजाद, ला महासचिव व अधिवक्ता अतहर हुसैन, मंटू का नाम शामिल है।
इसके अलावा पार्टी के बीस सूत्री सदस्य मो. इलियास खां, मो. फारूक अंसारी, पूर्व वार्ड पार्षद सैयद अनवर हुसैन, वार्ड पार्षद खुर्शीद अहमद, पार्टी नेता फखरे आलम, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष मुजफ्फर इमाम कुरैशी के साथ दर्जनों समर्थकों ने पार्टी छोड़ दी है। इन नेताओं ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर जदयू की प्राथमिक सदस्यता और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा की। कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2024 का समर्थन करने वाले नीतीश कुमार सेकुलर नही रह गए हैं। उनके चेहरे से सेकुलर होने का मुखौटा उतर गया है। नीतीश कुमार पंगु बन कर रह गए हैं।
जेडीयू में बगावत- इन नेताओं ने कहा कि जिस तरह जदयू के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पर अपना पक्ष रख रहे थे, तो ऐसा लग रहा था कि कोई भाजपा का मंत्री बोल रहा है। वक्फ संशोधन बिल को लेकर जमीयतुल उलेमा हिंद, मुस्लिम पर्सनल लॉ, इमारत शरिया जैसे मुस्लिम संगठनों के जिम्मेदारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री किसी से नही मिले और न ही वक्फ संशोधन बिल पर कुछ बोले। उन्होंने व्हिप जारी कर लोकसभा एवं राज्यसभा में बिल का समर्थन कराया। इससे साफ जाहिर होता है कि अब जदयू को मुस्लिम नेताओं एवं कार्यकर्ताओं और मुस्लिम वोटरों की जरूरत नही है।