नई दिल्ली। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा अंजलि ने सुसाइड कर लिया। छात्रा ने आत्महत्या करते हुए एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उसने लिखा कि मम्मी-पापा मुझे माफ कर दीजिए। हरसंभव प्रयास के बाद भी शांति नहीं मिल पा रही। मेरा सपना था कि पहले प्रयास में लोक सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसी) पास कर लूं। पर छात्रों पर बढ़ते दबाव और रोजमर्रा की दिक्कतों की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। पीजी और हॉस्टल वाले छात्रों को लूट रहे हैं। छात्र यह झेल नहीं पाते हैं। अपने नोट में उसने सरकारी नौकरियों में पारदार्शिता लाने और नौकरी पैदा करने की बात लिखी है। तीन पन्नों के सुसाइड नोट में यूपीएससी अभ्यर्थियों की परेशानियों का जिक्र कर महाराष्ट्र की अंजलि (25) ने पंखे से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।
बता दें कि 27 जुलाई को प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की वजह से तीन छात्रों की मौत का मामला अभी तक शांत भी नहीं हुआ है कि एक बार फिर एक यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा की आत्महत्या चर्चा का विषय बन गया है। अंजलि की आत्महत्या की घटना 21 जुलाई की सुबह उसी ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हुई जहां 27 जुलाई को राव आईएएस स्टडीज के बेसमेंट में पानी भरने से तीन यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी।
अंजलि की मौत की घटना अब तक मीडिया के सामने नहीं आई थी। पुलिस को मृतका के पास से अंग्रेजी में लिखा तीन पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। नोट में सबसे पहले अंजलि ने आत्महत्या करने के लिए अपने माता-पिता से माफी मांगी है। वह लिखती है कि हर संभव प्रयास के बाद भी उसे शांति नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह से वह डिप्रेशन का शिकार हो गई है। डॉक्टर को दिखाने के बाद भी उसे आराम नहीं लग रहा है।
अंजलि लिखती है कि उसका सपना था कि वह पहले प्रयास में यूपीएससी पास कर ले, लेकिन छात्रों पर बढ़ते दबाव और रोजमर्रा की दिक्कतों की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाई। वह लिखती है कि आत्महत्या इसका कोइ हल नहीं है, लेकिन इसके बाद भी वह मौत को गले लगा रही है। अपने नोट में उसने सरकारी नौकरियों में पारदार्शिता लाने और नौकरी पैदा करने की बात लिखी है।
छात्रा ने सरकार से अपील की कि परीक्षाओं में हो रही धांधली को रोका जाए और रोजगार के अवसर पैदा किए जाएं । पीजी और हॉस्टलों का भी किराया बढ़ता जा रहा है। लोग इसके नाम पर छात्रों को लूट रहे हैं। सरकार को इस पर भी रोक लगाना चाहिए। सभी छात्रों के पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि वह इसे दे सकें। नोट में अंजलि पीजी और हॉस्टल की फीस बढ़ने और उस पर अंकुश लगाने की बात करती है। उसका कहना है कि यह लोग छात्रों को लूट रहे हैं, छात्र यह झेल नहीं पाते हैं। बढ़ती फीस की वजह से उसको भी हॉस्टल छोड़ना पड़ रहा है।
अंत में वह माता-पिता को लिखती है, उसके जाने के बाद वह दुखी नहीं होंगे और उसके मरने के बाद उसके अंग दान कर देंगे। छानबीन के बाद पुलिस द्वारा उसका शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। उसके परिवार को सूचना दी गई। अंजलि के पिता महाराष्ट्र पुलिस में एएसआई हैं। बाद में तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव परिवार के हवाले कर दिया गया।