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दिल्ली-एनसीआर

जिंदा यात्रियों के लिए ताबूत बन गया समुद्र की गहराई में सबमर्सिबल, 24 घंटे का ऑक्सीजन बाकी

0 टाइटैनिक देखने गए 5 यात्री अब तक लापता, अमेरिकी तटरक्षक बल ने सुनी आवाज

नईदिल्ली। टाइटैनिक का मलबा देखने वाली यात्रा काफी महंगी और खतरे से भरी होती है, इसलिए कुछ ही लोग इसे देखने की हिम्मत जुटा पाते हैं। हाल ही में पनडुब्बी टाइटन पांच यात्रियों को टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए समुद्र 18 जून की सुबह 6 बजे सबमर्सिबल को समुद्र में छोड़ा गया था, लेकिन तब से अब तक इसका कोई अता-पता नहीं है। सबमर्सिबल में अब बस 24 घंटे का ऑक्सीजन बाकी है। जिंदा यात्रियों के लिए सबमर्सिबल समुद्र की गहराई में ताबूत बन गया है। इसे चाहकर भी यात्री खोल नहीं सकते। इसे बाहर से लॉक किया जाता है।

आज से 111 साल पहले यानी 14 अप्रैल, 1912 को अटलांटिक महासागर में एक आइसबर्ग (हिमखंड) से टकराने से टाइटैनिक जहाज डूब गया था। टाइटैनिक के डूबने के कई सालों बाद इस जहाज का मलबा न्यूफाउंडलैंड, कनाडा में पाया गया। अब यह जहाज कई मछलियों का घर बन गया है। हालांकि, आप अब भी असली टाइटैनिक देख सकते है। टाइटैनिक का मलबा दिखाने वाली कंपनी ओशनगेट ने इसकी जिम्मेदारी ली है। इस कंपनी के पास एक छोटी पनडुब्बी या सबमर्सिबल है, जो समुद्र की गहराइयों में उतरकर यात्रियों को टाइटैनिक का मलबा दिखाती है। टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए पनडुब्बी यात्रियों को समुद्र में 3800 मीटर नीचे ले कर जाती है। यह काफी खतरे से भरा होता है। इसके लिए 2 करोड़ 5 लाख 10 हजार 625 रुपये खर्च करना पड़ता है।

हाल ही में पनडुब्बी टाइटन पांच यात्रियों को टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए समुद्र में गई। इन पांच यात्रियों में पाकिस्तानी मूल के अरबपति बिजनेसमैन शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रिटिश अरबपति बिजनेसमैन हामिश हार्डिंद, फ्रेंच नागरिक पॉल आनरी नार्जेलेट और पनडुब्बी संचालित करने वाली कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव स्टॉकटन रश शामिल हैं। 18 जून की सुबह 6 बजे सबमर्सिबल को समुद्र में छोड़ा गया था, लेकिन तब से अब तक इसका कोई अता-पता नहीं है। 45 मिनट के अंदर ही ये लापता हो गई। इन लोगों की तलाश के लिए अमेरिकी और कनाडा की नौसेना सर्च अभियान चला रही है। खोज अभियान के दौरान अमेरिकी तटरक्षक बल को पानी के भीतर से आवाज सुनाई दी है। कनाडा के पी-3 विमान द्वारा आवाज का पता लगाने के बाद भी बचाव कर्मियों को अभी तक कुछ भी नहीं मिला है, लेकिन तलाशी अभियान जारी है। बचाव कर्मी तेजी से अभियान चला रहे हैं, क्योंकि जहाज पर 22 जून तक ऑक्सीजन खत्म होने की आशंका है। समय गुजरने के साथ ही सबमर्सिबल में सवार सभी लोग धीरे-धीरे मौत के मुंह में जा रहे है। ओशनगेट के सलाहकार डेविड कॉनकैनन के अनुसार, रविवार को सुबह 6 बजे जब यह सबमर्सिबल समुद्र में छोड़ा गया तो इसमें 96 घंटे ऑक्सीजन की आपूर्ति थी, जो अब लगातार कम हो रही है।