भिलाई नगर। ईडी ने हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी भिलाई निवासी ड्राइवर असीम दास उर्फ बप्पा बंगाली के साथ दुर्ग पुलिस के सिपाही भीम सिंह यादव को करोड़ों के कैश के साथ पकड़ा है। वो अकेला ऑनलाइन सट्टा नहीं चलवाता था। इसमें भीम का भाई और सुपेला थाना में सिपाही सहदेव समेत और कई पुलिस कर्मी निशाने पर हैं। इस कार्रवाई के बाद अब महादेव आनलाईन सट्टा कारोबार में सहयोगी बने पुलिस वालों पर भी ईडी की नजर है। पूर्व एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने एक वर्ष पूर्व नवंबर 22 में जांच में जिला बल के सिपाही दो भाइयों भीम सिंह और सहदेव की सट्टे में संलिप्तता पाई थी। ये लोग जेल में निरूद्ध एएसआई चंद्रभूषण वर्मा के लिए काम करते थे। उन्होंने भीम को लाइन अटैच और सहदेव को सस्पेंड किया था और चार आईपीएस अधिकारियों ने मामले की जांच की, लेकिन इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
खबर यह भी है कि जांच और सीडीआर रिपोर्ट में दुर्ग पुलिस के दर्जन भर ऐसे सिपाहियों के भी नाम सामने आए थे, जो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप महादेव पैनलिस्टों के सम्पर्क में रह कर उनके मददगार रहे हैं। दुर्ग के पूर्व एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने सहदेव की संलिप्तता सीधे दुबई में बैठे ऑनलाइन सटोरियों से पाई थी। सहदेव बिना बताए एक साल से अधिक समय तक ड्यूटी में भी नहीं आया था। उसके भाई भीम की भी भूमिका उसमें संदिग्ध थी। इसको लेकर एसपी ने दोनों के खिलाफ जांच कराई। इनकी जांच आईपीएस वैभव बैंकर, निखिल रखेचा, प्रभात कुमार और एसपी दुर्ग सहित चार-चार आईपीएस अधिकारियों ने की।
हैरत की बात है कि इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत भी मिले, लेकिन वो चाहकर भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सके। इसके बाद एसपी और तीनों आईपीएस का ट्रांसफर भी हो गया। पुलिस के कई अधिकारी मानते हैं कि अगर उस समय इनके ऊपर कार्रवाई होती तो कई बड़े राज खुल सकते थे। क्योंकि विभाग के कई संदिग्ध कर्मचारियों की संलिप्तता महादेव सटोरियों से रही है। लगभग दर्जन भर पुलिस वालों की ऑनलाइन सट्टा ऐप को लेकर भूमिका संदिग्ध रही है, जिसमें आधे से ज्यादा क्राईम ब्रांच में पदस्थ रह चुके हैं। कहा यह भी जाता है कि ऐसे ही लोग रूपये के दम पर लंबे समय से एक ही जगह पर जमे रहे और लगातार उनका ट्रांसफर रूकता रहा है। चर्चा यह भी है कि कई एसपी आए और गए लेकिन कुछेक संदिग्ध पुलिस वालों को दुर्ग जिले से दूर हटाने की हिम्मत किसी ने नहीं की।
ज्ञात हो कि आईपीएस डॉ. अभिषेक पल्लव ऑनलाइन सट्टा पर सबसे अधिक कार्रवाई करने वाले एसपी रहे हैं। मार्च 22 को डॉ. पल्लव ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि महादेव ऐप सट्टा में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने कॉन्स्टेबल सहदेव को ऑनलाइन सट्टा ऐप में संलिप्तता खुलते ही सस्पेंड कर दिया था।
उनसे पहले के दुर्ग एसपी रहे बीएन मीणा ने मामले में 10-15 आरक्षकों को लाइन अटैच किया था, लेकिन मीणा के जाने के बाद डॉ. पल्लव ने बल की कमी और पुख्ता सबूत न मिलने की बात कहते हुए सहदेव और भीम को छोड़कर सभी को बहाल कर दिया था। पुलिस ने जांच के दौरान जब सीडीआर डिटेल निकाला तो कई चौंकाने वाले सबूत सामने आए थे और इसमें सिपाही भीम और सहदेव दोनों के कनेक्शन सीधे दुबई से मिले। सहदेव सट्टा चलाने वाले और दुबई में बैठे सन्नी सतनाम से लगातार बात करता था। वह कई महीने तक बिना किसी जानकारी के गायब भी था। इस दौरान उसका लोकेशन मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में मिलता रहा और वहीं ऑनलाइन सट्टा ऐप का पैनल भी चल रहा था। इसका पता दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर और छावनी सीएसपी प्रभात कुमार की जांच में चला था।
पुलिस कार्रवाई से ऊपरी पहुंच के चलते लंबे समय से बचते आ रहे लोगों में से एक भीम सिंह यादव को जैसे ही ईडी ने गिरफ्तार किया, दर्जन भर पुलिस कर्मियों में खलबली सी मच गई है। सभी ईडी के घेरे से बचने जुगत लगाने दौड़ पड़े हैं।
पगार महज कुछ हजार और रहन सहन करोड़पतियों जैसा
भीम भले ही पुलिस लाइन दुर्ग में रहता है, लेकिन उसका रहन सहन सबसे आलीशान है। महादेव की बदौलत अकूत काला धन इन दोनों भाइयों ने जमा किया और नेहरू नगर में आलीशान घर भी बनवा लिया है। महज कुछ हजार तनख्वाह पाने वाले दुर्ग पुलिस के ये सिपाही अपने बच्चे की बर्थडे पार्टी शहर के सबसे महंगे रेस्टोरेंट रोमन पार्क में देते रहे हैं। सहदेव के पास कई महंगी गाडिय़ां हैं। शहर के पॉश इलाके में प्लॉट और आलीशान मकान भी है।