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दुर्ग-भिलाई

अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी का पर्दाफाश : दंपती सहित तीन आरोपी मुंबई से गिरफ्तार, ऐसे लेते थे झांसे में…

दुर्ग । पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी मामले का खुलासा किया है। एक दंपति सहित तीन आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया है। तीनो आरोपी विदेश में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर सायबर स्कैम का काम करवाया करते थे। साथ ही उनके पासपोर्ट जप्त कर लिए जाते थे। इस मामले में पुलिस दो अन्य आरोपियों की पतासाजी की जा रही है।

आरोपियों द्वारा भिलाई निवासी एक युवक को कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर विदेश में नौकरी दिलाने का दो लाख रुपए लेकर लोआस भेजा था। वहां पर युवक को सायबर फ्राड अर्थात स्कैम करने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। काम गलत लगने पर युवक ने करने से इंकार कर दिया। इसके बाद किसी तरह वह भिलाई लौट आया और पुलिस को आपबीती सुनाकर रिपोर्ट दर्ज कराया।

इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।  पुलिस की सायबर एक्सपर्ट टीम ने इस मामले में अपराध दर्ज कर तफ्तीश आगे बढ़ाया और मुंबई के गोरेगांव स्थित गोल्डन लिंक सर्विस के नाम से संचालित एजेंसी के माध्यम से साजन, उनकी पत्नी और  रफी खान मिलकर लोगों को कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर ₹200000 की वसूली किया करते थे लेकिन विदेश में जाने के बाद यह लोग उनके ग्रुप से जुड़े लोग उनसे साइबर स्कैम करवाया करते थे। भिलाई का शिकायतकर्ता भी उनके जब चुंगल से छूटकर भारत आया जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई । पुलिस भी मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तार में जुट गई थी।

आईपीएस चिराग जैन ने बताया कि शिकायतकर्ता ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी में जुट गई थी । पुलिस ने तीनों आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया है, तीनों आरोपी विदेश में नौकरी लगाने के नाम पर एजेंट के रूप में काम करते थे और कमीशन लेते थे। आरोपियों ने शिकायतकर्ता को ओमान लाओसा में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम बताकर उसके वहां साइबर स्कैम का काम कराया जा रहा था। पुलिस विदेश में फंसे अन्य लोगों को भारत लाने का प्रयास कर रही है वही 2 अन्य फरार लोगो की पतासाजी में जुट गई है।