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Adipurush मेकर्स को हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी, बोले – ‘इस देश के लोगों को बेवकूफ न समझा जाए’

फिल्म आदिपुरुष को लेकर शुरू हुआ विवाद अब अदालत के दरवाजे तक जा पहुंचा है। बता दें कि फिल्म के रिलीज के पहले ही दिन से इसके डायलॉग्स और सींस को लेकर घमासान हो रहा है। वहीं अब पूरे मामले में याचिका के जरिए हस्तक्षेप करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। फिल्म के मेकर्स पर तल्ख टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट की ओर से कई बड़ी बातें बोली गई हैं। आइए जानते हैं–

हिंदुओ की सहनशीलता की परीक्षा न लें: हाई कोर्ट

दरअसल दायर की गई याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट ने फिल्म के निर्माता और निर्देशक पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कोर्ट ने कहा है कि “आपने इस देश के लोगों को बेवकूफ समझ रखा है, उनकी सहनशीलता का इम्तिहान लेना बंद कीजिए।” बात को आगे कोर्ट ने कहा है कि “इस फिल्म ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को नुकसान पहुंचाया है, इसमें यह बात अच्छी रही कि फिल्म देखने के बाद लोगों ने कानून व्यवस्था को नही तोड़ा और उसे बनाए रखा वरना ये कई गुना बढ़ा हो सकता था।”

मेकर्स पर लगाई फटकार

आपको बता दें कि याचिका कर्ताओं की ओर से फिल्म पर विरोध जताते हुए उसे बैन करने की मांग की गई है। इसे देखते हुए हाई कोर्ट ने मूवी के राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला को मामले का पक्षकार बना कर एक हफ्ते के भीतर अपना जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया है। वहीं जब फिल्म मेकर्स की ओर से अपना पक्ष रखा गया कि मूवी की शुरुआत में ही डिस्क्लेमर दिया गया था तो इस पर जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि “न जाने क्यों मगर डिस्क्लेमर देने वाले लोग देश को जनता को मूर्ख समझते हैं। राम, सीता, लक्ष्मण की बाते करते हुए अब ये बोला जा रहा है कि ये रामायण नहीं है तो आपका ये तर्क गलत है।

आज भी हो सकती है सुनवाई

वहीं डायलॉग हटाने वाली बात पर कोर्ट ने तर्क दिया है कि आप फिल्म के डायलॉग हटा लेंगे मगर उनके सींस को कैसे बदलेंगे? ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा। रामायण हिंदुओ का धार्मिक ग्रंथ है, जिसका उनकी जिंदगी में बेहद महत्व है। ऐसे में पात्रों के साथ छेड़छाड़ को कतई ठीक नहीं ठहराया जा सकता।” खबरों की मानें तो हाई कोर्ट इस मामले में आज भी सुनवाई कर सकता है।