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मधुबाला की एकमात्र कलर फिल्म, जो अभिनेत्री के निधन के दो साल बाद हुई थी रिलीज

नईदिल्ली। मधुबाला का नाम हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में लिया जाता है। उन्होंने अपने समय में अभिनय के साथ-साथ अपनी खूबसूरती से भी लाखों दिलों पर लंबे समय तक राज किया था। हालांकि, एक्ट्रेस ने बहुत ही कम समय में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। कल यानी 23 फरवरी को उनकी पुण्यतिथि है। चलिए जानते हैं उनकी आखिरी फिल्म ज्वाला के बारे में, जो उनके निधन के दो साल बाद रिलीज हुई थी।

मधुबाला द्वारा अभिनीत यह एकमात्र फिल्म है, जिसे पूरी तरह से रंगीन फिल्माया गया है। हालांकि, उनकी सबसे फेमस फिल्म 1961 में आई मुगल-ए-आजम में भी कुछ रंगीन सीन हैं, लेकिन उस फिल्म को ज्यादातर ब्लैक एंड व्हाइट में ही शूट किया गया था। मधुबाला अपनी आखिरी फिल्म ज्वाला के फिल्मांकन के दौरान बीमार पड़ गई थीं। फिर 23 फरवरी, 1969 को एक्ट्रेस का निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद मूवी काफी समय तक लटकी रही। रिपोर्ट के अनुसार, बाद में इसे एक्ट्रेस की पुरानी फिल्मों से फुटेज लेकर पूरा किया गया और कई बॉडी डबल डुप्लीकेट सीन भी किये गए थे। इसके बाद ज्वाला को उनके निधन के दो साल बाद 1971 में रिलीज किया गया। इस फिल्म में सुनील दत्त मुख्य अभिनेता थे और आईएमबीडी के अनुसार, यह आखिरी फिल्म थी, जिसमें शंकर सिंह रघुवंशी, मोहम्मद रफी और सुनील दत्त का कॉम्बिनेशन था।

आईएमबीडी की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म की शूटिंग 1950 के दशक के अंत में की गई थी, जब आशा पारेख बेहद छोटी थीं। 1971 में जब यह फिल्म रिलीज हुई, तब तक वह पहले से ही एक स्टार बन गई थीं और 30 की उम्र पार कर रही थीं। वह इस बात से खुश नहीं थीं कि ज्वाला उसी समय चल रही थी जब उनकी हिट फिल्में मेरा गांव मेरा देश (1971) और कारवां (1971) चल रही थी। मधुबाला का जन्म 4 फरवरी, 1933 में हुआ था। बचपन में उनका नाम मुमताज जहां देहलवी था। फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री करते समय एक्ट्रेस ने अपना नाम बदलकर मधुबाला रख लिया था।

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