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स्वास्थ्य

कमर दर्द (पीठ दर्द) के लक्षण, कारण और घरेलू नुस्खे

कमर दर्द की समस्या होना आज के लिए सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि छोटी उम्र के लोगों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। लेकिन हम अपनी कुछ आदतों को बदलकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। कमर दर्द की समस्या आज के समय में एक आम समस्या हो गई है।

आपने अक्सर सुना होगा लोग कहते रहते हैं कि उनकी कमर में दर्द हो रहा है लेकिन वे इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि यह होता किस वजह से है। इस रोग में रीढ़ की हड्डी से जुडी परेशानी होती है। रीढ़ की हड्डी के अंदरूनी हिस्सों में तरल पदार्थों की कमी हो जाने की वजह से उनके आसपास के हिस्सों में हड्डियाँ बढने लगती हैं जिससे कमर में दर्द होने लगता है।

कमर में मंद से असहनीय दर्द होना, कमर में भारीपन महसूस होना, कमर में पिंडलियों तक दर्द फैलने लगना, पैरों का सुन्न पड़ जाना, चलने-बैठने और लेटने में परेशानी होना ये सभी समस्याएं किसी व्यक्ति को कमर दर्द के समय होती हैं। कमर दर्द हमारे लाइफ स्टाइल से जुडी हुई ही एक समस्या है।

रीढ़ की हड्डी में जो दर्द महसूस होता है उसे कटिशूल के नाम से भी जाना जाता है। हर व्यक्ति के अंदर यह समस्या वात दोष की वजह से होती है। आप अपने खानपान और जीवनशैली में बदलाव करके इस रोग से बच सकते हैं। बहुत से लोगों को कमर के बीच या निचले हिस्से में दर्द होता है। ये दर्द कमर के दोनों हिस्सों और कूल्हों तक भी फैल जाता है।

कमर दर्द (पीठ दर्द) के कारण

1. भोजन से : जब हम बहुत अधिक तीखे या कैलोरी युक्त भोजन का सेवन करते हैं तो इससे हमारा वजन बढने लगता है जिसकी वजह से हमारी रीढ़ की हड्डी पर वजन पड़ता है जिसकी वजह से भी कमर में दर्द की समस्या हो जाती है।

2. अधिक उपवास से : अगर आप बहुत अधिक उपवास करते हैं या जरुरत से ज्यादा व्यायाम करते हैं तो आपको कमर में दर्द की समस्या हो सकती है क्योंकि हमारा पूरा शरीर हमारी रीढ़ की हड्डी पर टिका होता है जी अगर मुड़ने लगे तो कमर में दर्द होने लगता है।

3. रोगों से : जब किसी को  हर्निया, सिजेरियन प्रसव आदि की समस्याएं हो जाती है तो उस व्यक्ति को पेट के पाचन संस्थान से संबंधित समस्याएं होती है जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है जिसकी वजह से भी कमर में दर्द हो सकता है।

4. उम्र बढने से : जब किसी व्यक्ति की उम्र बढने लगती है तो उनमें उम्र बढने के साथ-साथ होर्मोन परिवर्तन होने लगते हैं जिसकी वजह से वे किसी भी रोग की चपेट में आसानी से आ जाते है। जब कोई व्यक्ति वृद्ध हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उनकी हड्डियों का क्षय होने लगता है जिसकी वजह से भी उन्हें कमर में दर्द हो सकता है।

5. धुम्रपान से : जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक धुम्रपान जैसे – तंबाकू, गुटखा, जर्दा, बीड़ी, सिगरेट आदि का पान करता है तो उस व्यक्ति को कमर में दर्द हो सकता है क्योंकि इनके सेवन से हड्डी में शिथिलता और खोखलेपन होने की वजह से कमर में दर्द होने की स्थिति बन जाती है।

6. चोट से : अगर आपको कभी-भी रोध की हड्डी में चोट लगी है जिसकी वजह से आपको कमर में दर्द होता है तो यह उसकी हड्डी के सरकने की वजह से हो सकता है। हमारी रीढ़ की हड्डी छोटी-छोटी हड्डियों से मिलकर बनी होती हिया जिसे डिस्क कहते हैं जिन पर चोट लगने की वजह से हड्डियों को क्षति पहुंचती है और उन पर दबाव पड़ने लगता है।

7. गर्भावस्था से : जब कोई स्त्री गर्भवती होती है तो उस महिला का गर्भ जैसे-जैसे बढने लगता है तो उसका पेट भी बढने लगता है जिसकी वजह से उनके पेट का पूरा वजन उनकी रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है जिसकी वजह से भी उनकी कमर में दर्द की समस्या हो सकती है।

8. अधिक व्यायाम करने से : कई बार आप अपने आसपास देखते होंगे कि लोग बहुत अधिक जिम करते हैं ताकि अपनी शरीर को मजबूत बना सके। लोग खेलते या व्यायाम करते समय मस्पेशियों पर जोर पड़ता है जिसकी वजह से कमर में दर्द होना शुरू हो जाता है।

कमर दर्द (पीठ दर्द) के लक्षण

1. कमर दर्द होना : जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक वजन उठा लेता है या किसी वजह से व्यक्ति की कमर में सूजन आ जाती है तो सूजन की वजह से व्यक्ति को कमर में दर्द होने लगता है। जब किसी व्यक्ति को कमर में दर्द होने लगती है तो उस व्यक्ति का कमर का दर्द पैरों तक भी चला जाता है।

2. हिलने में दर्द होना : जब किसी व्यक्ति को पीठ या कमर में दर्द होता है तो उस व्यक्ति को उसकी रीढ़ की हड्डी में क्षति की वजह से ऐसा होता है। रीढ़ की हड्डी को क्षति पहुंचने की वजह से उस व्यक्ति को उठते और बैठते समय दर्द होने लगता है जिसकी वजह से व्यक्ति बहुत अधिक परेशान रहता है।

3. सुबह में परेशानी होना : जब किसी व्यक्ति को यह समस्या होती हहै तो जब वह सोकर या सीधी कमर से एकदम या अचानक से उठने की कोशिश करता है तो उसे कमर में बहुत अधिक तेज दर्द होने का अनुभव होता है। जब वह व्यक्ति झुकने की कोशिश करता है तब भी उसे बहुत तेज दर्द का अनुभव होता है।

4. पेट दर्द होना : इस रोग के होने पर व्यक्ति के पेट का संतुलन बिगड़ जाता है जिसकी वजह से पेट के निचले भाग में हल्का-हल्का दर्द या चुभन रहने लगती है। व्यक्ति की कमर में जकड़न महसूस होने लगती है जिसकी वजह से उसे सीधा खड़ा होने में भी बहुत मुश्किल होने लगता है।

5. अंग सुन्न होना : जब किसी व्यक्ति को यह समस्या होती है तो उस व्यक्ति को जिस भाग पर चोट लगती हिया उसमें दर्द होने लगता है। उसे जिस हिस्से में दर्द होता है उसका वह हिस्सा सुन्न पड़ जाता है और साथ-साथ उसके जननांग भी सुन्न होने लगते हैं।

6. बुखार होना : जब किसी व्यक्ति को रीढ़ की समस्या होने की वजह से कमर में दर्द रहता है तो उस व्यक्ति के शरीर का तापमान अपने आप ही बढने लगता है जिसकी वजह से उस व्यक्ति को बुखार की समस्या हो जाती है।

7. पेशाब में मुश्किल होना : जिस व्यक्ति को यह परेशानी होती है उस व्यक्ति को पेशाब करने में बहुत मुश्किल होती है क्योंकि क्योंकि कमर दर्द के साथ-साथ पेशाब करने में भी दर्द का अनुभव होता है जिसकी वजह से रोगी पेशाब को रोक भी नहीं पाता है।

8. कमजोरी आना : जब किसी रोगी को कमर में दर्द होने लगता है तो उनके शरीर में दर्द होने लगता है और उनके हाथ भी सुन्न होने लगते हैं जिसकी वजह से उन्हें एलर्जी की कमी होने लगती हिया और उनका वजन भी घटने लगता है।

कमर दर्द (पीठ दर्द) का इलाज

1. जीरे के सेवन से इलाज :

अगर आपको बार-बार या सुबह के समय उठने पर कमर में बहुत तेज दर्द का अनुभव होता है तो आप जीरे का सेवन कर सकते हैं। आप एक गिलास पानी लें और उसमें थोडा सा सोंठ या जीरा डालकर उबाल लें और उबलने के बाद इसे छानकर पी जाएँ इससे आपकी कमर दर्द की समस्या ठीक हो जाएगी।

2. लहसुन के प्रयोग से इलाज :

अगर आपको पीठ में या कमर में बहुत अधिक या अचानक से दर्द होने लगता है तो आप लहसुन का प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए आप सबसे पहले थोडा सा सरसों का तेल लें और उसमें एक चौथाई चम्मच सेंधा नमक और लहसुन की दो या तीन कलियाँ डालकर उसे गर्म कर लें। अब इस तेल से अपनी कमर की मालिश करें क्योंकि इससे आपकी कमर दर्द की समस्या ठीक हो जाएगी।

3. अंकुरित अनाज के सेवन से इलाज :

अगर आपके शरीर में कमजोरी आ गई है जिसकी वजह से आपको कमर में दर्द की समस्या रहती है तो आप अनाज का सेवन कर सकते हैं। सबसे पहले आप रात के समय गेंहूँ के दानों को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह के समय खसखस और धनिए के दानों के साथ दूध में डालकर चटनी बना लीजिए। अब इस चटनी का दिन में दो बार सेवन करने से आपकी कमर दर्द की समस्या ठीक हो जाएगी और साथ-साथ शरीर की शक्ति भी बढती है।

4. अदरक के सेवन से इलाज :

अगर आपको कमर में दर्द रहने की समस्या है तो आप अदरक का सेवन कर सकते हैं क्योंकि अदरक को कमर दर्द के लिए एक औषधीय मानी जाता है। आप कमर दर्द होने पर अदरक का पेस्ट बनाकर उसे अपनी कमर पर लगा लें और ऊपर से नीलगिरी का तेल लगा लें इससे आपको कमर में दर्द की समस्या ठीक हो जाएगी।

5. अजवाइन के सेवन से इलाज :

जब किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो आप अजवाइन का सेवन कर सकते हैं इसके लिए आप अजवाइन को गर्म तवे पर सेंक लें और ठंडा होने के लिए रख दें। जब यह ठंडा हो जाए तो इसे धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएँ। इसके नियमित रूप से सेवन से कमर के दर्द को ठीक किया जा सकता है।

कमर दर्द (पीठ दर्द) से बचाव के उपाय

  • कमर दर्द को ठीक करने के लिए रोगी को प्रतिदिन नियमित रूप से सुबह के समय व्यायाम करना चाहिए।
  • रोगी को ज्यादा देर तक एक जगह पर बैठकर काम नहीं करना चाहिए।
  • लंबे समय का काम करने पर थोड़ी-थोड़ी देर में उठकर टहलना या पैदल चलना चाहिए।
  • रोगी को नर्म और गद्देदार बिस्तर पर सोने से परहेज करना चाहिए और सख्त बिस्तर पर सोना चाहिए।
  • रोगी को प्रतिदिन सुबह के समय नंगे पैर खास पर चलना चाहिए।
  • रोगी को भारी वजन नहीं उठाना चाहिए लेकिन अगर उठाता है तो बहुत ही सावधानी से झुकना और खड़ा होना चाहिए।
  • रोगी को सीधा बैठना चाहिए ताकि कमर झुके नहीं और कमर दर्द से बचा जा सके।
  • रोगी को हो सके तो पीठ पर हल्के हाथ से मालिश करवानी चाहिए।
  • रोगी को कैल्शियम और विटामिन की मात्रा से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए।
  • रोगी को ठंडे पानी से नहाने की जगह पर गर्म पानी से स्नान करना चाहिए।