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अगर आप भी खाना पकाने के लिए करते हैं रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल, तो हो जाएं सावधान… स्वास्थ्य को पहुंचा सकता है नुकसान

इन दिनों लोगों के खानपान और रहन-सहन में काफी बदलाव हो चुका है। एक वो समय था जब लोग खाने के लिए सरसों का तेल या घी इस्तेमाल करते थे। वहीं अब रिफाइंड ऑयल (Refined oil) ने लोगों के किचन में अपनी जगह बना ली है। कम समय में ही लोगों के बीच काफी प्रचलित हो चुका रिफाइंड ऑयल आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।

रिफाइंड ऑयल को अधिक तापमान पर रिफाइन करके तैयार किया जाता है। इस वजह से इसमें से सभी जरूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। ऐसे में इस तेल के इस्तेमाल से शरीर में ट्रांस फैट की मात्रा काफी बढ़ने लगती है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और इंसुलिन के लेवल को तेजी से बढ़ाता है। जिसके कारण लोगों में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने लगती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

रिफाइंड ऑयल (Refined oil) किस प्रकार से हमारी सेहत के लिए दुष्प्रभावों वाले हो सकते हैं, इसको समझने के लिए किए गए अध्ययनों में कई बातें सामने आईं। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आप रोजाना रिफाइंड ऑयल का सेवन करते हैं तो यह कई क्रोनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, एथेरोस्क्लेरोसिस, मोटापा, प्रजनन संबंधी समस्याएं और प्रतिरक्षा संबंधी दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है। इस तरह के जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस तरह के तेलों का सेवन कम या बिल्कुल न करने की सलाह देते हैं।

बढ़ती है इंफ्लामेशन- रिफाइंड ऑयल (Refined oil) को शरीर में इंफ्लामेटरी समस्याओं को बढ़ाने वाला पाया गया है और इंफ्लामेशन की स्थिति कई क्रोनिक बीमारियों के जोखिमों को बढ़ाने वाली मानी जाती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि रिफाइंड ऑयल में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार के फैट्स को हृदय रोगों और कैंसर को बढ़ावा देने वाला पाया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, ट्रांस फैट महिलाओं में सूजन और वजन को बढ़ाने वाली हो सकती है जिसके कारण डायबिटीज और हृदय की बीमारियों के बढ़ने का खतरा रहता है।

हो सकते हैं कैंसरकारक दुष्प्रभाव- प्राकृतिक तेलों के प्रोसेसिंग की प्रक्रिया के दौरान निकेल रिलीज होता है, इस रसायन की मात्रा शरीर के लिए हानिकारक प्रभावों वाली हो सकती है। यह धातु स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से हानिकारक हो सकती है भोजन में इसकी उपस्थिति कैंसरकारी प्रभाव पैदा कर सकती है। इसका लिवर, त्वचा और श्वसन प्रणाली पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कई अध्ययनों में रिफाइंड तेलों (Refined oil) के सेवन को मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग से संबंधित पाया है।

स्वस्थ तेलों का ही करें इस्तेमाल- स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए खाने में स्वस्थ और पौष्टिक तेलों का सेवन किया जाना चाहिए। शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑलिव ऑयल और सरसों के तेल हमारी सेहत के लिए लाभकारी हो सकते हैं, खाने में हमेशा उसी तेल को शामिल किया जाना चाहिए जो कोलेस्ट्रॉल और हानिकारक वसा फ्री हों। कुछ अध्ययनों में सूरजमुखी के तेल को भी सेहत के लिए हानिकारक पाया गया है।

नोट : Today Studio द्वारा लेख में दी गई जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।