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स्वास्थ्य

मेडिटेशन करने के बारे में विचार करते हैं तो जान लें फायदे

दिनभर घर और ऑफिस की जिम्मेदारियां और काम की चिंता हर समय तनाव का कारण बनी रहती है। स्ट्रेस का कारण चाहे जो भी हो, ये आपके मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालता है। तनाव और स्ट्रेस से छुटकारा पाने के लिए मेडिटेशन सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।

मेडिटेशन एक ऐसी प्रैक्टिस है जो आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्‍थ को बैलेंस रखती है। अगर आपको ये लगता है कि मेडिटेशन करने के लिए सिर्फ एक जगह पर आंख बंद कर बैठ जाने से मेडिटेशन हो जाता है तो आप गलत सोचते हैं। जो लोग रेगुलर मेडिटेशन करते हैं केवल उन्हें ही पता है कि मेडिटेशन करने में एनर्जी और फोकस की कितनी जरूरत होती है।

कई बार लोग मेडिटेशन शुरू तो करना चाहते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं होता कि शुरुआत कैसे करें और मेडिटेशन कितनी देर करना है। अगर आप मेडिटेशन शुरू करना चाहते हैं तो आइए जानते हैं कुछ जरूरी बातें-

ऐसे करें मेडिटेशन

  • लंबी गहरी सांस लें : मेडिटेशन के लिए सबसे पहले अपनी सांसों पर ध्यान दें। लंबी गहरी सांसे लेने से स्ट्रेस नेचुरली ही दूर होता है। इसके लिए शांत बैठ कर लंबी गहरी सांस लें और उन पर ध्यान लगाएं।
  • शांत वातावरण: मेडिटेशन करते समय कोशिश करें कि आसपास कोई शोर-शराबा ना हो तो मेडिटेट करते हुए मन और दिमाग ना भटके। मेडिटेशन करते समय अपने आप को पूरी तरह कंफर्टेबल रखने की कोशिश करें। मेडिटेशन करते हुए कंफर्टेबल पोजीशन में बैठें और केवल आरामदायक कपड़े पहने।
  • जरूरी नहीं कि आप जमीन पर योगा मैट बिछाकर ही मेडिटेशन करें। कुर्सी या सोफे पर भी बैठकर ध्यान किया जा सकता है। बस ध्यान रहे कि मेडिटेशन के वक्त बिल्कुल स्थिर रहें और हिले-डुले नहीं।
  • मंत्र दोहराए: मंत्र दोहराने से मतलब है, कोई भी प्रार्थना, अपना कोई मोटिवेशनल वाक्य या कोई धार्मिक मंत्र जिसे आप हर रोज मेडिटेशन करते हुए दोहरा सकें। ऐसा करने से मेडिटेशन करते समय ध्यान एक जगह केंद्रित रहता है।

कितनी देर करें ?

मेडिटेशन करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप रोज एक समान ही मेडिटेशन को समय दें। उदाहरण के लिए अगर आप 1 दिन 20 मिनट मेडिटेशन करते हैं तो अगले दिन भी आपको इतनी ही देर करना चाहिए। हां, 5-7 मिनट अगर आगे-पीछे हो तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

 फायदे

  • दिमाग में चल रही उथल पुथल को कम कर सकते हैं। क्योंकि यह तनाव को कम कर शरीर को आराम पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है।
  • सिद दर्द और डिप्रेशन जैसी समस्या से राहत मिलती है।
  • नींद ना आने की समस्या दूर होती है।
  • स्टूडेंट्स को पढ़ाई में फोकस करने में मदद मिलती है, एकाग्रता बढ़ती है।