अनियमित दिनचर्या और खानपान से किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी की समस्या बढ़ रही है। खासतौर से युवाओं में यह समस्या अधिक हो रही है। किडनी स्टोन का सही समय पर इलाज न किया जाए तो किडनी के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
डॉक्टर्स की मानें तो शरीर में कुछ खराब मिनरल इकट्ठा हो जाते हैं और पथरी बन जाती है। खाने-पीने को लेकर लापरवाही, मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दर्द निवारक दवाओं के अधिक उपयोग से किडनी की समस्या बढ़ रही है।
वहीं इस समय इलाज की प्रक्रिया अधिक एडवांस हो गई है। इसमें न कोई छेद होता है और न ही कोई चीरा लगाया जाता है। लेजर विधि से किडनी के स्टोन को निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया से बेहतर इलाज होता है।
डॉक्टर्स की मानें तो किडनी स्टोन से बचाव के लिए सबसे अधिक जरूरी यह है कि बीज वाले खाद्य पदार्थों का कम उपयोग करें। हाई प्रोटीन थोड़ा कम लें। एक दिन में तीन से साढ़े तीन लीटर तक पानी जरूर पीयें, ताकि दो लीटर तक पेशाब बन सके। इसके अलावा यह देख लें कि पानी में टीडीएस की मात्रा 150 से 200 से अधिक न हो।
प्रदूषण और पर्यावरण प्रदूषक किडनी की पथरी के खतरे को बढ़ा सकते हैं। कुछ रसायन और पॉल्यूटेंट वाटर कंटेंट को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे फूड्स बढ़ जाते हैं।
कीटो डाइट और कुछ वेजिटेरियन डाइट जैसे हाई ऑक्सालेट वाले फूड्स की लोकप्रियता, किडनी की पथरी के मामलों को बढ़ा सकती है। हालांकि ये डाइट कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं, लेकिन ये ऑक्सालेट-बेस्ड किडनी की पथरी के खतरे को भी बढ़ा सकते हैं।
खानपान में केमिकल का अधिक इस्तेमाल, मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन, तंबाकू का सेवन और वायरल इंफेक्शन क्रॉनिक किडनी की समस्या बढ़ाता है। किडनी कैंसर का मुख्य लक्षण पेट के किनारे या कमर में दर्द रहना, पेशाब में खून का आना है।
डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। Today Studio लेख की पुष्टि नहीं करता है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।