Piles Treatment Without Surgery
अगर आपको पेट साफ करने में ज्यादा दम लगाना पड़ता है तो ये कब्ज की निशानी है। इसे नजरअंदाज करने पर मलद्वार की नसों में सूजन आ जाती है और बवासीर बन जाती है। इस बीमारी को पाइल्स भी कहा जाता है, जो कुछ टाइम के बाद खूनी बन जाती है।
खूनी बवासीर या पाइल्स ब्लीडिंग को आम की गुठली से रोका जा सकता है। वही आम की गुठली जिसे आप कचरे में फेंक देते हैं, उससे 6 बीमारियां जड़ से खत्म की जा सकती है। वैद्य मिहिर खत्री ने आम की गुठली का चूर्ण बनाने की विधि और इसके औषधीय फायदों के बारे में बताया।
आम की गुठली से बनाएं पाइल्स की दवा
आम की गुठली पाउडर के फायदे
- सफेद पानी यानी ल्यूकोरिया
- पीरियड में ज्यादा खून निकलना
- खूनी बवासीर
- डायरिया
- आईबीएस
- पेट के कीड़े
- आम की गुठली को ढककर धूप में 2 दिन सुखाएं।
- फिर इसके ऊपर वाला कठोर छिलका उतार लें।
- इसके बाद दोबारा से इसे 5 दिन धूप में सुखाएं।
- इस दौरान बिल्कुल भी पानी न लगने दें और इन्हें पूरी तरह सुखने दें।
- इन सूखे बीजों को टुकड़े में काटकर ग्राइंडर में बारीक पाउडर बना लें।
- इसमें नमक ना डालें या रोस्ट ना करें।
- गर्भाशय शोथ, अत्यधिक ब्लीडिंग और सफेद पानी में इसे दिन में दो बार 5 ग्राम पाउडर पानी के साथ सुबह खाली पेट और डिनर से पहले शाम को लें।
- डायरिया, आईबीएस और खूनी बवासीर में 5 ग्राम पाउडर छाछ के साथ दिन में दो बार लें।
- पेट के कीड़े मारने के लिए 3 से 14 साल के बच्चे को 2.5 ग्राम पाउडर पानी के साथ दिन में दो बार कम से कम 2 हफ्तों तक दें।
- त्वचा कट जाने, अल्सर या खून निकलने पर यह आम की गुठली का चूर्ण घाव पर लगा सकते हैं।