Home » नींद से लिवर का कनेक्शन : नींद से न करें समझौता, वरना लिवर पर पड़ सकता है बुरा असर
स्वास्थ्य

नींद से लिवर का कनेक्शन : नींद से न करें समझौता, वरना लिवर पर पड़ सकता है बुरा असर

अच्छी नींद स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर नींद में किसी तरह की कोई गड़बड़ी हुई तो इससे लिवर पर बुरा असर पड़ता है।। लंबे समय तक अच्छी नींद नहीं लेने से लिवर सिरोसिस का खतरा बढ़ सकता है। चीन में हुआजोंग यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी में हुए एक रिसर्च में पता चला है कि यह नान अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (NAFLD) और नींद के बीच संबंध है।

इस रिसर्च में नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर रोगियों में हेल्दी और अच्छी नींद के पैटर्न और सिरोसिस के कम खतरे के बीच संबंध दिखाया गया है। रिसर्च के दौरान करीब 112, 196 नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर रोगियों में पाया गया कि खराब नींद के पैटर्न से सिरोसिस के बढ़ने के खतरे जुड़े हुए हैं। हेपेटोलाजी इंटरनेशनल के मुताबिक, लोगों में अच्छी नींद के फायदे देखे गए, चाहे उनका आनुवंशिक जोखिम कम हो या ज्यादा हो।

नींद से लिवर का है कनेक्शन-वहीं लिवरडाक के नाम से मशहूर एबी फिलिप्स का कहना है कि कई रिसर्च में इस बात के सुबूत पाए गए हैं कि नींद को वास्तव में कम आंका जाता है। आप अपनी आनुवंशिक प्रोफाइल को तो नहीं बदल सकते लेकिन, हर रात अच्छी नींद तो ही सकते हैं। रोजाना रात में 7-8 घंटे की अच्छी नींद हमारे पूरे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। इससे लिवर को भी अनगिनत फायदे मिलते हैं।

नींद में गड़बड़ी से हो सकता है लिवर सिरोसिस-नींद में लंबे समय तक गड़बड़ी होने पर व्यक्तियों में सिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। सिरोसिस तब होता है जब लिवर लंबे समय तक बीमार रहता है। धीरे-धीरे लिवर के ऊपर घाव के निशान वाले ऊतक बन जाते हैं। ये घाव वाले निशान लिवर के काम को प्रभावित करते हैं। लंबे समय तक ये स्थिति बनी रहने से लिवर के फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

क्या है लिवर सिरोसिस?-लिवर सिरोसिस एक तरह की क्रानिक बीमारी है। जो लंबे समय तक लिवर के खराब होने से पनपती है। लिवर सिरोसिस होने पर लिवर के हेल्दी ऊतक खत्म होने लगते हैं और लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है। लिवर सिरोसिस होने पर शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं।

लिवर सिरोसिसस के लक्षण- उल्टी होना, कम भूख लगना, बहुत थकावट, पीलिया होना, वजन घटना, खुजली होना, पेट में तरल पदार्थ बनना, पेशाब का रंग गहरा होना, बाल झड़ना, नाक से खून आना, मांसपेशियों में ऐंठन, बार-बार बुखार आना, याददाश्त की समस्या ।