शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए हमारे शरीर से पसीना आना जरूरी होता है। क्योंकि पसीने के जरिए शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। लेकिन कुछ लोगों के अन्य लोगों की तुलना में अधिक पसीना आता है। ऐसे में ज्यादा पसीना आने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी भी हो सकती है। अगर आपको भी जरूरत से ज्यादा पसीना आता है, तो इसके पीछे हेल्थ कंडीशन भी हो सकती हैं।
बता दें कि अगर आपकी बॉडी से दुर्गंध आती है और पसीना भी ज्यादा आता है, तो इसका मुख्य कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस भी हो सकता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इंसुलिन रेजिस्टेंस किस तरह शरीर को करता है। साथ ही कैसे एक डिटॉक्स वॉटर की मदद से इस समस्या से बचा जा सकता है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से आता है पसीना
इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव होता है। जिसकी वजह से हाइपरग्लाइसीमिया और हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या हो जाती है। इस समस्या के होने से स्ट्रेस पैदा होता है और स्ट्रेस अधिक होने पर एड्रेनेलिन हार्मोन रिलीज होता है। इस कारण से पसीना अधिक आता है। ज्यादा पसीना आने से शरीर में गर्म वातावरण पैदा होता है। इससे बैक्टीरिया पनपने की संभावना अधिक होती है। इसी वजह से शरीर से दुर्गन्ध भी आने लगती है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस के लिए डिटॉक्स वॉटर की सामग्री
पानी- 1 लीटर
दालचीनी- 1 स्टिक
बेसिल सीड्स- 1 टीस्पून
कैमोमाइल टी- 1 टी बैग
ऐसे बनाएं
1 लीटर पानी के साथ एक गिलास जार में सभी इंग्रिडिएंट्स को मिक्स करें।
अब इसे 30 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
फिर इस पानी को पूरा दिन में धीरे-धीरे पिएं।
इंसुलिन रेजिस्टेंस को सुधारने में मदद
बता दें कि दालचीनी में सिनामाल्डिहाइड पाया जाता है। यह इंसुलिन सेंसटिविटी को सुधारने में मददगार होता है।
वहीं बेसिल सीड्स में घुलनशील फाइबर पाया जाता है। यह ब्लड शुगर लेवर को रेगुलेट करने में सहायक होता है।
कैमोमाइल चाय सेल्स तक ग्लूकोज पहुंचाने में मदद करने के साथ ही इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने का काम करती है।
इस डिटॉक्स वॉटर को पीने से आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके सेवन से स्वेटिंग की समस्या में आराम मिलेगा।
साथ ही शरीर से आने वाली दुर्गंध भी खत्म होती है।