What is male infertility? – विषय के बारे में बात करने से पहले यह जानने की कोशिश करते हैं कि ‘बाँझपन’ क्या होता है? ‘बाँझपन’ एक समस्या है. जब एक दंपत्ति, एक वर्ष या उससे अधिक समय तक कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाते तो ऐसे में कहा जा सकता है कि वह दम्पति बाँझपन की समस्या से जूझ रहा है. पर यह देखना बेहद ही दुःखद रहा है कि बाँझपन के लिए ज़्यादातर महिलाओं को ही दोषी ठहराया जाता है। जबकि वैज्ञानिक तथ्यों के हिसाब से बात करें तो बांझपन की दिक्क़त पुरुष हो या महिला दोनों में से किसी को भी हो सकती है और जिसके लिए किसी एक को दोष नहीं दिया जा सकता।
What is male infertility?
जब एक दंपत्ति, एक वर्ष या उससे अधिक समय तक कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाते तो टेस्ट के माध्यम से इस बात का पता लगाया जाता है कि आखिर पुरुष के साथ दिक्क़त है या एक महिला के साथ. जब टेस्ट में यह साफ हो जाता है कि दिक्क़त पुरुष के साथ है तो उसे पुरुष बाँझपन कहा जाता है. आमतौर पर पुरुष बाँझपन के मुख्य कारणों में शुक्राणु की कमी और उनकी खराब गुणवत्ता शामिल होती है. जिसके चलते महिला को गर्भधारण करने में समस्या आती है। हालांकि भारत में पिछले कुछ वर्षों से पुरुष बांझपन की समस्या बढ़ रही है।
पुरुषों में बांझपन के कारण
हालांकि इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। पर फिर भी हम आपकी सुविधा के लिए आपको पुरुष बांझपन के कारण से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं तथा जिसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:-
1. शुक्राणु की गुणवत्ता एवं संख्या में कमी होना
2. संक्रमण होना:- पुरुषों के प्रजनन अंग में संक्रमण होने से बांझपन की समस्या हो सकती है, जो शुक्राणु के रास्ते को प्रभावित करता है तथा इसमें बाधा भी डाल सकता है।
3. जन्म से जुड़ी समस्याएं:- कुछ ऐसी समस्याएं होती है, जब पुरुष पैदा होता है तभी से उसके साथ जुड़ी होती है, जैसे वास-डेफेरेंस। जिस कारण वीर्य डिस्चार्ज होने लगता है।
4. शुक्राणु की गतिशीलता में कमी:- शुक्राणु की गतिशीलता में कमी के कारण निषेचन में दिक्क़त पेश आती है।
5. औद्योगिक रसायन:- औद्योगिक रसायन जैसे लेड एक्स-रे, रेडिएशन आदि से शुक्राणु के बनने में बाधा हो सकती है।
6. अंडकोश का अधिक गर्म होना:- जैसे गर्म पानी से नहाना, रोज़ाना हॉट टब का इस्तेमाल करना या लैपटॉप गोद में रखकर काम करना इत्यादि आपके शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित करता है।
7. ट्यूमर:- यदि किसी पुरुष को ट्यूमर की समस्या है, तो वह प्रजनन अंग को प्रभावित कर सकता है।
8. अन्य कारण:- शराब का सेवन करना, धूम्रपान करना, तनाव लेना तथा मोटापा होना इत्यादि कारण भी शुक्राणु की संख्या तथा हार्मोन को असंतुलित कर सकते हैं।
पुरुष बांझपन का उपचार
आज के इस वैज्ञानिक युग में पुरुष बांझपन के उपचार के लिए कई विकल्प मौजूद है, जो कुछ इस प्रकार है :-
1. आई.वी.एफ:- जिसका पूरा नाम इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन है, जो कि एक आधुनिक तकनीक है। जिसमें महिला के अंडाशय (ओवरी) में से अंडे निकालकर, उसे पुरुष के स्पर्म के साथ लैब में निषेचित (फर्टिलाइज़) किया जाता है। जिसके बाद फर्टिलाइज़ हुए तैयार भ्रूण को महिला के गर्भाशय (यूटेरस) में ट्रांसफर किया जाता है।
2. आई.यू.आई:- जिसका पूरा नाम इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन है। यह भी आई.वी.एफ की तरह ही एक सरल प्रक्रिया होती है, जिसमें शुक्राणु को लैब में साफ़ किया जाता है। जिसके बाद ओव्यूलेशन के समय महिला साथी के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
3. आई.सी.एस.आई – जिसका पूरा नाम इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन है। यह एक असिस्टैड रिप्रोडक्टिव होती है। जिसमें सबसे अच्छे और स्वस्थ स्पर्म को अंडे के साइटोप्लाज्म में इंजेक्ट किया जाता है।
4. शल्य चिकित्सा अथवा सर्जरी:- यदि बांझपन का प्रमुख कारण वैरीकोसेल है तो इसे शल्य चिकित्सा के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
5. हार्मोन उपचार:- कुछ हार्मोन भी बांझपन का कारण हो सकते हैं। जिन्हें दवाओं की सहायता से दूर किया जा सकता है।