HEALTH. देश में हायपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) के सबसे ज्यादा मामले पुरुषों में सामने आते हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) की हालिया रिपोर्ट कहती है, देश के 24 फीसदी पुरुष हायपरटेंशन से जूझ रहे हैं. वहीं, महिलाओं में यह आंकड़ा 21 फीसदी है. चौंकाने वाली बात यह है कि देश के 67 फीसदी महिलाएं और 53.7 पुरूषों ने कभी भी ब्लड प्रेशर की जांच ही नहीं कराई. इससे मामले दुनियाभर में बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है, 2015 में दुनियाभर में करीब 113 करोड़ साइलेंट किलर कहे जाने वाले हायपरटेंशन (Hypertension) से पीड़ित थे. 2025 तक दुनिया की 29 फीसदी आबादी के इससे पीड़ित होने की आशंका है. जानिए इसे साइलेंट किलर क्यों कहा जाता है, हाई ब्लड प्रेशर कितनी बीमारियों की वजह बनता है, कौन से लक्षण इसका इशारा करते हैं और इसे कैसे रोकें
हायपरटेंशन को साइलेंट किलर क्यों कहते हैं?
WHO की रिपोर्ट कहती है, दुनियाभर में करीब 120 करोड़ लोग हायपरटेंशन की समस्या से जूझ रहे हैं. हायपरटेंशन कितना खतरनाक है इसे ऐसे समझा जा सकता है कि 2019 में 1.79 करोड़ लोगों की मौत हृदय रोगों से हुई. इनमें से एक तिहाई मौतों के लिए हाई ब्लड प्रेशर यानी हायरपटेंशन ही जिम्मेदार था.
इसे इसलिए खतरनाक माना जाता है क्योंकि ज्यादातर लोग यह समझ ही नहीं पाते हैं कि उनका ब्लड प्रेशर कितना बढ़ा हुआ है. नतीजा, हार्ट, किडनी, लिवर से जुड़ी बीमारियों के साथ नाक से खून आना और आंखों की रोशनी कम होने समेत कई तरह की दिक्कतें पैदा होने लगती हैं. जांच न कराने वाले इसका कारण नहीं समझ पाते और बीमारियों से घिरते चले जाते हैं, इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते हैं.
हायपरटेंशन के वो लक्षण जो अलर्ट करते हैं
– बेहोशी महसूस करना
– अचानक धुंधला दिखना
– उल्टी आना
– सिर और सीने में दर्द
– सांस लेने में तकलीफ होना
– आंखों में रेड स्पॉट होना
हायपरटेंशन की समस्या आखिर होती क्यों है?
हेल्थलाइन की रिपोर्ट कहती है, हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने की कई वजह होती हैं. जैसे बढ़ती उम्र, मोटापा, अल्कोहल लेना, शरीर एक्टिव न रखना, डाइबिटीज और शरीर में सोडियम का लेवल बढ़ जाना. इसके अलावा अगर परिवार की पिछली पीढ़ियों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रही है तो नई पीढ़ी में वो नजर आ सकती है. इसलिए समय-समय पर हाई ब्लड प्रेशर की जांच जरूर कराएं. जांच में ब्लड प्रेशर का सामान्य स्तर 120/80 होना चाहिए. यानी ब्लड प्रेशर का ऊपरी नंबर 120 और निचला नंबर 80 होना चाहिए।
कैसे कंट्रोल होगा हायपरटेंशन, 3 पॉइंट में समझें
स्मोकिंग से दूरी है जरूरी: एक रिसर्च के मुताबिक, स्मोकिंग करने से 20 मिनट तक ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है, इसलिए इसे छोड़ देना ही बेहतर है.
वजन घटेगा, BP घटेगा: मेेयो क्लीनिक की रिपोर्ट कहती है, हायपरटेंशन की एक बड़ी वजह है मोटापा. इसलिए अगर कोई इंसान एक किलो वजन घटाता है तो बढ़े हुए ब्लड प्रेशर में 1 पॉइंट की कमी आ सकती है.
खाने में नमक घटाएं: नमक में सोडियम होता है, यह भी ब्लड प्रेशर बढ़ने की बड़ी वजह है. इसलिए खाने में रोजाना 5 ग्राम से ज्यादा नमक न खाएं और खाने में अलग से नमक डालने की गलती बिल्कुल न करें.
रोजाना 30 मिनट का वर्कआउट जरूरी: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिसर्च कहती है, अगर रोजाना 30 मिनट की एक्सरसाइज या वॉक की जाए तो ब्लड प्रेशर को 5 से 8 पॉइंट तक घटाया जा सकता है.
खानपान में ये बदलाव जरूरी: डाइटीशियन सुरभि पारीक कहती हैं, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए खाने में मौसमी, संतरा जैसे खट्टे फलों की संख्या बढ़ाएं. डाइट मे दालों और फलियों वाली सब्जियों को शामिल करें. तली और मसालेदार चीजों से बचें.