शरीर के अंदर ऑक्सीजन को पहुंचाने और गंदी हवा को बाहर निकालने में हमारे फेफड़े (Lungs) बुहत अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए अन्य अंगों की तरह फेफड़ों को सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक माना जाता है। अगर हमारे फेफड़े (Lungs) ठीक से काम नहीं करते हैं, तो इसकी वजह से शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
फेफड़ों की बढ़ती बीमारियां चिंताजनक हैं क्योंकि इसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। लंग्स कैंसर वैश्विक स्तर पर बड़ी चुनौती बनकर उभरा है जो हर साल डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जान ले रहा है। अध्ययनकर्ता बताते हैं, इन समस्याओं को काफी हद तक रोका जा सकता है अगर सभी लोग अपने जोखिमों पर ध्यान देते हुए इससे बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहें।
शोध बताते हैं कि धूम्रपान फेफड़ों की ज्यादातर बीमारियों के लिए प्रमुख कारण है। फेफड़ों के कैंसर से होने वाली 80% मौतें धूम्रपान से ही संबंधित पाई जाती हैं। इसी तरह से वायु प्रदूषण, विशेषतौर पर इनडोर प्रदूषण भी इस महत्वपूर्ण अंग के लिए खतरनाक हो सकता है।
डॉक्टर बताते हैं, बाहरी प्रदूषण की तरह खराब इनडोर वायु गुणवत्ता भी फेफड़ों की गंभीर समस्याओं, अस्थमा-ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है। अगर आपके घर-ऑफिस में वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था नहीं है तो ये फेफड़ों के लिए नुकसानदायक स्थिति हो सकती है। ऑफिस में बैठे-बैठे भी आप फेफड़ों के रोग के शिकार हो सकते हैं।
फेफड़ों के स्वास्थ्य (lung health) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे संबंधित बीमारियों की रोकथाम को लेकर हर साल 25 सितंबर को वर्ल्ड लंग्स डे यानी विश्व फेफड़ा दिवस मनाया जाता है।
फेफड़ों से जुड़ी बीमारी होने पर दिखते हैं कई लक्षण – जब हमारे फेफड़ों (Lungs) में किसी तरह की समस्या होती है और वे ठीक से फंक्शन नहीं करते हैं, तो हमारे शरीर में इसके कई संकेत और लक्षण देखने को मिलते हैं। अच्छी बात यह है कि अगर इन लक्षणों को समय रहते पहचानकर डॉक्टर से सही उपचार लिया जाता है, तो किसी भी तरह के गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है। फेफड़ों से जुड़ी समस्या होने पर आमतौर पर जो लक्षण दिखाई देते हैं उनमें से छाती में बार-बार इन्फेक्शन होना, सीने में दर्द या खिंचाव, सांस लेने में तकलीफ़, खास तौर पर व्यायाम के दौरान, लगातार खांसी या खांसी में थूक या खून आना, घरघराहट, लगातार बलगम बनना, थकान, बुखार और कमजोरी महसूस होना, अचानक व्यक्ति का वजन कम होना शामिल हैं।
वेंटिलेशन की कमी खतरनाक- ज्यादातर ऑफिस कांच के शीशों और एयर कंडीशन से पैक होते हैं, लिहाजा इमारतों में उचित वेंटिलेशन की व्यवस्था का अभाव हो सकता है। इसकी वजह से बंद कमरों में ताजी हवा नहीं आ पाती और न ही अंदर की हवा बाहर जा पाती है। इस तरह की स्थितियों में न सिर्फ श्वसन संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है, साथ ही इससे दीर्घकालिक तौर पर फेफड़ों को भी क्षति पहुंच सकती है। चूंकि अधिकतर लोग अपने दिन का ज्यादातर समय ऑफिस में ही बिताते हैं, ऐसे में इनमें फेफड़ों की समस्याओं का जोखिम और अधिक हो सकता है।