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चीन ने भेजा था जासूसी गुब्बारा, राष्ट्रपति के आदेश पर अमेरिका ने मार गिराया

दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से अमेरिका में एक रहस्यमयी गुब्बारा दिखाई दे रहा था। चीन द्वारा भेजे गए इस जासूसी गुब्बारे को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर गिरा दिया गया है। समुद्र के ऊपर इस गुब्बारे को गिराया गया है और अब मलबा एकत्र किया जा रहा है। गुब्बारे को गिराने से पहले तीन एयरपोर्ट को बंद करवा दिया गया था और एयरस्पेस भी बंद रहा। अमेरिकी सेना के विमान ने अटलांटिक महासागर के ऊपर उस जासूसी गुब्बारे पर हमला बोल दिया।राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि उनकी तरफ से इस हफ्ते की शुरुआत में ही उस गुब्बारे को गिराने का आदेश दे दिया गया था, लेकिन इंतजार किया जा रहा था कि गुब्बारा समुद्र के ऊपर आ जाए। तीन दिनों से ये गुब्बार अमेरिका के एयरस्पेस में देखा जा रहा था। अमेरिकी सेना द्वारा उस गुब्बारे की गतिविधि पर पैनी नजर रखी गई थी। यूएस, कनाडा और लैटिन अमेरिका के एयरस्पेस पर चीन के संदिग्ध जासूसी गुब्बारा दिखाई देने के बाद हड़कंप मचा हुआ था. पेंटागन के मुताबिक, मोंटाना के ऊपर देखे गए बैलून का आकार तीन बसों के बराबर था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि इस स्पाई बैलून से लोगों को किसी तरह का खतरा नहीं है, लेकिन फिर भी बीते कुछ दिनों से अमेरिकी वायुक्षेत्र में देखे जा रहे इस बैलून को ट्रैक किया जा रहा था। अमेरिकी सैन्य विमानों के जरिए भी इस पर नजर रखी जा रही था. उस बीच ही राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बैलून को गिराने का आदेश दे दिया और गुब्बारे को नीचे समुद्र में गिरा दिया गया। बैलून को समुद्र में इसलिए गिराया गया क्योंकि अगर मलबा आबादी वाले क्षेत्र के पास गिरता तो तबाही मच जाती। जिस मोटांना क्षेत्र में वो जासूसी बैलून उड़ रहा था, वहां पर अमेरिका का एक न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र भी है। अमेरिकी सेना को शक था कि वो जासूसी गुब्बारा उन संवेदनशील इलाकों की ओर से गुजरेगा और कई जरूरी जानकारी चीन तक पहुंचाएगा, लेकिन क्योंकि उस गुब्बारे का आकार काफी बड़ा था, मलबा नीचे गिरने का भी डर था, इस वजह से फैसला लेने में देरी हुई।

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