बीजिंग। उत्तर पश्चिमी चीन के पर्वतीय क्षेत्र में सोमवार मध्य रात्रि को आए 6.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में कम से कम 127 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए। यह चीन में पिछले नौ वर्षों का सबसे भीषण भूकंप है।
स्थानीय प्राधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि भूकंप के बाद भी कई झटके महसूस किए गए। उन्होंने बताया कि भूकंप के कारण गांसू में 113 और हिमालयी क्षेत्र के किनघई प्रांत में 14 लोगों की मौत हो गई। प्राधिकारी बर्फीले मौसम में बचाव अभियान चला रहे हैं। किनघई प्रांत तिब्बत हिमालयी क्षेत्र से सटा हुआ है, जहां महाद्वीपीय प्लेटों के खिसकने के कारण अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ने बताया कि गांसू में 536 लोग घायल हुए, जबकि किनघई में 182 लोग घायल हुए और 20 अन्य लापता हैं। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र ने बताया कि सोमवार रात 11 बजकर 59 मिनट पर गांसू एवं किनघई प्रांतों में भूकंप आया और इसका केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहरायी में था। इसके कुछ घंटों बाद मंगलवार को सुबह नौ बजकर 46 मिनट पर पड़ोसी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में भूकंप का दूसरा झटका आया। ‘सीईएनसी’ के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। गांसू और किनघई में बाद में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप का केंद्र लियुगोऊ शहर में था, जो गांसू में जिशिशान काउंटी से करीब आठ किलोमीटर दूर है. इस भूकंप से गांसू में 1,55,393 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग ने व्यापक स्तर पर बचाव अभियान चलाने के आदेश दिए हैं। शी ने स्थानीय प्राधिकारियों से घायल लोगों का तुरंत इलाज करने और भूकंप की स्थिति एवं मौसम में बदलाव पर बारीकी से नजर रखने को कहा. भूकंप के कारण कई गांवों में बिजली एवं पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। परिवहन मंत्रालय ने मंगलवार सुबह बताया कि भूकंप के कारण ‘पीली नदी’ पर बने एक पुल में दरार आ गई है। रेलवे प्राधिकरण ने भूकंप प्रभावित क्षेत्र में यात्री एवं मालवाहक ट्रेन निलंबित कर दी है और रेलवे की पटरियों की सुरक्षा जांच का आदेश दिया है। यह चीन में पिछले नौ साल में आया सबसे भीषण भूकंप है। इससे पहले 2014 में युन्नान प्रांत में आए भूकंप में 617 लोगों की मौत हो गई थी।